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छत्तीसगढ़ : बजट में किसानों को धान की अंतरराशि देने के लिए 1200 करोड़ रुपए

छत्तीसगढ़ में नयी गठित भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा बजट पेश किया गया है। बजट में किसानों से चुनावी वादे के मुताबिक धान खरीदी की बढ़ी मुश्किल धनराशि का प्रस्ताव रखा गया है। मंगलवार को सदन में इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। सरकारी खरीद के दौरान धान की खुले बाजार में कीमत कम थी और किसानों ने बाजार के अनुसार क़ीमत देने की मांग चुनावी सभाओं में स्वीकार की थी। बजट में इसी भावांतर राशि का प्रावधान किया गया है।

सूबे के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोमवार को तीसरा अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा था। यह बजट 13 हजार 487 करोड़ का है। मंगलवार को चर्चा के बाद इसे पारित किया गया। इस बजट में किसानों से किए गए एक वादा को पूरा करने के लिए 1200 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है।

इस बजट में किसानों से किए गए एक वादा को पूरा करने के लिए 1200 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। इसके जरिए किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा अतिरिक्त राशि दी जाएगी। यह राशि कृषक उन्नति योजना के तहत दी जाएगी। इससे पहले किसानों को अंतर की राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत दी जाती थीं।

छत्तीसगढ़ में भाजपा ने किसानों को प्रति क्विंटल 3100 रुपए की कीमत देने का वादा किया था। तीसरे अनुपूरक बजट में सरकार ने अपनी एक और वादे को पूरा करने के लिए 15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस राशि से छत्तीसगढ़ के लोगों को रामलला के दर्शन के लिए ले जाया जाएगा। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी थी। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के लिए 350 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है। इसके अलावा तीसरे अनुपूरक बजट में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, जिला स्थापना, टाइगर रिजर्व, महिला हेल्पलाइन, यूनिटी मॉल की स्थापना, राज्य विकास ऋण आदि के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है।

छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का सिलसिला पहली नवम्बर 2023 से शुरू हुआ था। चालू खरीफ विपणन वर्ष में धान खरीदी की अंतिम तारीख 31 जनवरी निर्धारित थी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने किसानों एवं किसान प्रतिनिधियों की मांग और उनकी परेशानियों को देखते हुए धान खरीदी की अवधि 31 जनवरी से बढ़ाकर 4 फरवरी कर दी थी। इसका फायदा राज्य के ऐसे किसानों को मिला है, जो 31 जनवरी तक कतिपय कारणों से अपना धान नहीं बेच पाए थे। इस संवेदनशील फैसले से 19 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं और उन्होंने एक फरवरी से लेकर 4 फरवरी के मध्य समर्थन मूल्य पर 2.69 लाख टन धान बेचा है।

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