उत्तर बंगाल में सुबे का सबसे बड़ा एथेनाॅल प्लांट लगेगा। इसके लिए करीब 52 एकड़ जमीन तलाशी गयी है। इस प्लांट में करीब 500 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा। प्लांट स्थापित करने के लिए लगभग 28.15 एकड़ भूमि पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा 99 वर्षों के लिए लीज पर दी गई है और शेष भूमि कंपनी द्वारा स्वयं अधिग्रहित की गई है। अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही काम शुरू हो जाएगा और 8 महीने के अंदर उत्पादन भी शुरू हो जाएगा।
खबर के मुताबिक, फैक्ट्री मालिकों ने फैक्ट्री के निर्माण में सहयोग देने के लिए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धन्यवाद दिया। प्लांट में हर रोज एथेनॉल का उत्पादन होगा और विभिन्न सरकारी तेल कंपनियां इसे सीधे खरीद सकेंगी। जिन 500 लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा, इनमें से 300 कुशल श्रमिक और 200 अकुशल होंगे।
प्रस्तावित फैक्ट्री के प्रबंधन के मुताबिक इस फैक्ट्री में प्रतिदिन 600 टन मक्का या चावल का उपयोग कच्चे माल के रूप में किया जाएगा। ऐसे में सालाना करीब 2 लाख टन मक्का और चावल की जरूरत होती है। हम चाहते हैं कि स्थानीय लोग हमें कच्चा माल उपलब्ध करायें। इस फैक्ट्री से पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा।
देश मेंं वैकल्पिक ईंधन के रूप में एथेनॉल का उपयोग दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। एथेनॉल का उपयोग बढ़ेगा तो ईंधन का आयात कम होगा। परिणामस्वरूप, देश को विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
मक्का और चावल की आपूर्ति से मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर के 10,000 से अधिक किसान अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। इस परियोजना से देश को वैकल्पिक ऊर्जा और रोजगार गारंटी की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।