लगातार एमएसपी के मुद्दे पर आंदोलित देशभर के किसानों को केन्द्र सरकार ने राहत दी है। सरकार ने आधा दर्जन प्रमुख फसलों की सरकारी खरीद हेतु मूल्य बढ़ाने की घोषणा की है। हालांकि किसानों के सभी संगठन सभी फसलों की एमएसपी घोषित करने की मांग दोहराई रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2024-25 के लिए रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के तहत अगले सत्र के लिए गेहूं, जौ, चना मसूर, सरसों और सूरजमुखी का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक जिन फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है, उनमें सबसे ज्यादा मसूर, दूसरे नंबर पर सरसों, तीसरे नंबर पर गेहूं और सनफ्लावर चौथे नंबर पर है। जबकि उसके बाद जौ और चने की एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है। दो से सात फ़ीसदी कीव पहुंच गईं हैं।
सबसे ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य मसूर का बढ़ा है। मसूर पर केंद्र सरकार ने 425 रुपये की बढ़ोतरी कर देश के किसानों को बड़ी सौगात दी है। अगले साल के लिए मसूर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 6425 रुपये का तय किया गया है। इसी तरह केंद्र सरकार ने सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 200 रुपये की बढ़ोतरी की है।
अगले साल किसानों को इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 5660 रुपये के हिसाब से मिलना तय किया गया है। सूरजमुखी और गेहूं की फसल के लिए केंद्र सरकार ने डेढ़ सौ रुपये की बढ़ोतरी एमएसपी में की है।
बढ़ी हुई एमएसपी के मुताबिक गेहूं के लिए अगले साल से किसानों को 2275 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा।सूरजमुखी के लिए 5800 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है। केंद्र सरकार ने जौ पर 115 रुपये की बढ़ोतरी की और चने पर 105 रुपये की बढ़ोतरी की है। जौ का समर्थन मूल्य 1850 रुपये, जबकि चने का समर्थन मूल्य 5440 रुपये न्यूनतम समर्थन मूल्य के तौर पर केंद्र सरकार ने तय किया है।
रबी की फसलों के बढ़ाए गए समर्थन मूल्य के साथ अब सियासी रूप से भी इसकी चर्चाएं हो रही हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे ज्यादा घेरा जा रहा था, वह किसानों की आय को दोगुना करने का भी था। रबी की फसलों के बढ़ाए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी अब खुद के ऊपर किसानों की दोगुनी की गई आय का जवाब देने की तैयारी में खड़ी हो रही है। केंद्र सरकार की ओर से जिन 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है, उनमें मसूर ऐसी फसल है जिसमें 2014-15 की तुलना में 2024-25 के न्यूनतम समर्थन मूल्य में दोगुने से ज्यादा का अंतर हो गया है। अहिरवार कहते हैं कि सिर्फ मसूर ही नहीं बल्कि सरसों और सूरजमुखी से लेकर चने का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 2014-15 की तुलना में 2024-25 के न्यूनतम समर्थन मूल्य के दोगुने के आसपास पहुंच रहा है।