जालंधर जिला उपायुक्त विशेष सारंगल ने किसानों को धान की पराली न जलाने और इसके उचित प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जिला प्रशासकीय परिसर से तीन जागरूकता वैनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मिली जानकारी के अनुसार अगले 30 दिनों में जिले के 982 गांवों को कवर करेगी और किसानों को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देगी, साथ ही उन्होंने इन-सीटू और एक्स सीटू द्वारा फसल अवशेष का उचित प्रबंधन करने के लिए प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि वैन में आडियो संदेश भी चलाए जाएंगे और विभाग द्वारा तैयार किए गए साहित्य के माध्यम से किसानों को पराली को जलाने की बजाय उसके उचित प्रबंधन के तरीकों के बारे में बताया जाएगा।
उपायुक्त ने कहा कि जिले में पराली जलाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा एक व्यापक रणनीति तैयार की गई है, जिसके तहत किसानों को सब्सिडी के आधार पर अत्याधुनिक मशीनरी उपलब्ध करवाई जा रही है और बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
गांवों में कैंप लगाकर किसानों में पराली न जलाने और फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करने के लिए जागरूकता फैलाई जा रही है। अब तक ग्राम स्तर पर 120 कैंप लगाए गए है।
इसके अलावा गांवों में पराली न जलाने का संदेश देते हुए 600 दीवारों पर पेटिंग भी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान में स्कूली बच्चों को शामिल कर विभिन्न मुकाबले करवाए जा रहे है ताकि घर-घर तक पराली न जलाने का संदेश दिया जा सके।