सरकार खाद औऱ बीज की बिक्री करने वाले दुकानों को किसान समृद्धि केंद्र के रुप में विकसित कर रही है। सभी किसानों तक खेती बाड़ी से जुड़ी सही जानकारियां सहीं समय पर पहुंच सकें। इससे किसानों को यह फायदा होगा कि उन्हें समय पर जानकारी मिलेगी तो अच्छे से खेती कर पाएंगे और उन्हें अधिक से अधिक लाभ होगा।
किसान समृद्धि केंद्रों में किसानों के बैठने की व्यवस्था होगी। साथ ही जो भी कृषि उत्पाद हैं उनका प्रदर्शन भी किया जाएगा। इसके साथ ही पीओएस मशीन, स्कैनर औऱ क्यू आर कोड भी रहेगा। इतना हीं नहीं केंद्र में फसलों से संबंधित लिटरेचर भी रहेगा जहां पर किसानों को कृषि की पूरी जानकारी मिलेगी। प्रखंड स्तर पर जो भी किसान समृद्धि केंद्र खोले जाएंगे उसमें इंटरनेट कनेक्शन के साथ स्मार्ट टीवी, हेल्प डेस्क, कॉमन सर्विस सेंटर के साथ लिंकेज, मिट्टी जांच की सुविधा और खाद-बीज जांच की भी सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा जिला स्तर पर जो केंद्र खोले जाएंगे उनमें सुविधाएं बड़े स्तर की होगी।
झारखंड में किसानों को उनके गांव पंचायत में ही उन्नत किस्म के खाद बीज उपलब्ध हो जाए और उन्हें कृषि संबंधित तमाम जानकारी मिल जाए इसके लिए राज्य में 1500 किसान समृद्धि केंद्र खोले जाने की योजना पर काम हो रहा है। झारखंड में किसान समृद्धि केंद्र खोलने के लिए 400 से अधिक केंद्रों का चयन किया जा चुका है। बाकी अन्य केंद्रों के लिए जगह की तलाश की जा रही है। किसान समृद्धि केंद्रों को गांव, प्रखंड औऱ जिलास्तर पर खोला जाएगा। गांव स्तर पर इसे खोलने के लिए 50 वर्ग फीट जगह की जरूरत होगी, प्रखंड स्तर पर इसे खोलने के लिए 200 वर्ग फीट और जिलास्तर पर 2000 वर्ग फीट की दुकान की जरूरत होगी।
झारखंड में कृषि विभाग का प्रयास है कि कुछ चयनित केंद्रों पर टीवी के माध्यम से खेती-बारी की जानकारी दी जाएगी। उन केंद्रों में आने वाले किसान टीवी पर फसलों से संबंधिक कार्यक्रम देंखेंगे। जहां पर उन्हें फसलों के लिए खेत की तैयारी से लेकर बीमारी और उससे बचाव के बारे में बताया जाएगा।
इन केन्द्रों के माध्यम से किसानों को आने वाले दिनों के मौसम के बारे में जानकारी भी मिलेगी। कार्यक्रम के जरिए किसानों द्वारा अपनाए जा रहे कृषि के सबसे अच्छे तरीके और सफल किसान के बारे में बताया जाएगा। जिलास्तर पर खुलने वाले केंद्रों में कृषि उपकरण भी उपलब्ध रहेंगे, जिसे किसान भाड़े पर ले सकेंगे।