उत्तर प्रदेश में और फलों के मुकाबले आम की पैदावार ज्यादा है। देश में सबसे ज्यादा आम उत्तर प्रदेश में ही पैदा किया जाता है। दशहरी, लंगड़ा, चौसा, फैली जैसी किस्म के आम निर्यात भी किये जातें हैं। आम की ज्यादा पैदावार वाले इलाकों को फलपटटई घोषित किया गया है।
लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान आम के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नई किस्म के विकास पर काम कर रहा है. आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी संस्थान काम कर रहा है. आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हॉर्टिकल्चर इन्वेस्टर मीट- 2023 का आयोजन मंगलवार को केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में किया गया. मीट में आम और बागवानी से जुड़े उद्यमी और उद्योगों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ‘हॉर्टिकल्चर इन्वेस्टर मीट’ में उत्तर प्रदेश के आम के फल पट्टी से आम को निर्यात को बढ़ाने के संबंध में कृषि उत्पादन आयुक्त ने विस्तृत वार्ता की। जेवर में फूड पार्क स्थापित करने के प्रस्ताव पर भी उन्होंने अपनी सहमति भी प्रदान की।
कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने फूड पार्क के लिए निवेश हेतु नियम और शर्तों पर अपनी सहमति दी। वहीं इसके साथ जमीन उपलब्ध कराने के साथ-साथ सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा की सरकार हर जिले में दो हाइटेक पौधशालाएं स्थापित करने जा रही है जिससे कि किसानों की फल एवं सब्जियों की पौध की आवश्यकता को पूरी करने में मदद मिलेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि अपर सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस मीट को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के हित में सरकार की तरफ से उद्योगों एवं कृषि क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप को भरपूर सहायता का आश्वासन भी दिया। इनोवा एग्री फूड पार्क बेंगलुरु के प्रबंध निदेशक डॉ. के. एस रवि ने कर्नाटक में स्थापित फूड पार्क के बारे में भी बताया। उन्होंने फूड पार्क के माध्यम से दक्षिण भारत के पांचो प्रदेशों के किसानों के उद्यान संबंधी उत्पादों के निर्यात में मिल रही मदद का भी जिक्र किया।
इनोवा एग्री फूड पार्क बेंगलुरु के प्रबंध निदेशक डॉ. के. एस रवि और केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के निदेशक डॉ. टी दामोदर ने एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संस्थान के द्वारा विकसित बायोएनहांसर की व्यावसायिक उत्पादन हेतु नेचर ग्रीन बायोम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के निदेशक डॉ. टी दामोदरन ने बताया कि मलिहाबाद आम फल पट्टी के बागवानों के उत्थान की चर्चा करते हुए कहा कि संस्थान के द्वारा विकसित आम एवं अमरूद की नवीनतम किस्म ,फसल उत्पादन, फसल सुरक्षा एवं तुड़ाई के उपरांत प्रबंधन , प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी को लेकर विस्तृत चर्चा भी की। उन्होंने बताया कि संस्थान के सहयोग से कई उद्यमी स्टार्टअप और उद्यम भी स्थापित कर रहे हैं। संस्थान की प्रौद्योगिकी का फायदा उठाने के लिए निवेशकों से विशेष आह्वान भी किया। इस कार्यक्रम में भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पी एम सिंह ने सब्जियों की नवीनतम किस्म और संस्थान द्वारा विकसित अन्य उत्पादन प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी।