शिवपाल यादव दुखी मन से बोले, ‘हनुमान की भूमिका नहीं भूलना चाहिए’| दुखी शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश यादव का यह व्यवहार बहुत अखरा। और इटावा में आयोजित एक भागवत कथा में शिवपाल सिंह यादव का दर्द छलक उठा।
विधान सभा चुनाव के बाद,अपनी नाराजगी जताते हुए शिवपाल ने कहाकि, हमें हनुमान की भूमिका को भूलना नहीं चाहिए। क्योंकि युद्ध तो राम उन्हीं की वजह से जीत सके थे।
समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक हुई। सर्वसम्मति से अखिलेश यादव को सपा के विधायक दल का नेता चुना गया है। पर इस बैठक में समाजवादी पार्टी के बनैर से चुनाव जीते प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सुप्रीमो शिवपाल सिंह यादव को नहीं बुलाया गया। दुखी शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश यादव का यह व्यवहार बहुत अखरा।
इटावा में आयोजित एक भागवत कथा में शिवपाल सिंह यादव का दर्द छलक उठा। और खुले तौर पर अपनी नाराजगी जताते हुए शिवपाल ने कहाकि, हमें हनुमान की भूमिका को भूलना नहीं चाहिए। क्योंकि युद्ध तो राम उन्हीं की वजह से जीत सके थे।
शिवपाल सिंह यादव का दुखी मन रुक नहीं रहा था, उन्होंने आगे कहा – भगवान राम का राजतिलक होने वाला था, पर उनको वनवास जाना पड़ा। इतना ही नहीं हनुमान जी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण थी क्योंकि अगर वह नहीं होते, तो राम युद्ध नहीं जीत पाते। ये भी याद रखने वाली बात है कि, हनुमान ही थे, जिन्होंने लक्ष्मण की जान बचाई थी।
शिवपाल ने कहा कि, विषम परिस्थितियां कभी-कभी सामने आती हैं। आमजन ही नहीं, भगवान पर भी विषम परिस्थितियां आईं। कई संकट आए लेकिन अंत में जीत सत्य की ही होती है।
महाभारत के चरित्रों का भी जिक्र करते हुए शिवपाल ने कहा कि, धर्मराज युधिष्ठिर को शकुनि से जुआ नहीं खेलना चाहिए था। अगर जुआ खेलना ही था तो दुर्योधन के साथ खेलते लेकिन जुआ शकुनि के साथ खेल लिया। अब ये भी सच है कि वह शकुनि ही थे, जिन्होंने महाभारत करा दी थी।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी सुप्रीमो शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि, मुझे पार्टी की बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया। मैंने दो दिनों तक प्रतीक्षा की। और इस बैठक के लिए अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। लेकिन आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अगले कदम के बारे में जल्द ही आपको बताऊंगा।