सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्ति एक विशेषज्ञ समिति ने पेड़ों के मूल्यांकन संबंधित रिपोर्ट पेश की है। इस समिति के निष्कर्ष के अनुसार एक पेड़ का एक साल का आर्थिक मूल्य 74 हजार 500 रुपए हो सकता है। अर्थात पेड़ की उम्र से हर साल 74500 से गुणा कर उसका मूल्य तय करना चाहिए।
समिति ने रिपोर्ट में कहा कि 100 साल पुराने एक हेरिटेज पेड़ की कीमत एक करोड़ से ज्यादा भी हो सकती है।
भारत मे पहली बार पेड़ों का आर्थिक मूल्यांकन किया गया है। चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने जनवरी 2020 में इस समिति के सदस्य को पेड़ों का आर्थिक मूल्य तय करने को कहा था। दरअसल पश्चिम बंगाल रेलवे ने ओवरब्रिज बनाने के लिए हेरिटेज पेड़ सहित 356 पेड़ काटने की मंजूरी मांगी थी। इस मुद्दे पर समिति ने कहा था कि इन पेड़ों की कीमत 2.2 अरब है, जो इस प्रोजेक्ट की कीमत से भी अधिक है।
अब मैं आपको याद दिलाना चाहता हूँ कि डेढ़ साल पहले मुंबई की आरे कॉलोनी में 33 हेक्टेयर ज़मीन पर खड़े लगभग ढाई हज़ार से अधिक पेड़ मात्र 36 घण्टे में ही काट दिए गए थे
सितंबर 2019 में बीएमसी ट्री अथॉरिटी ने मुंबई मेट्रो रेल के लिए प्रस्तावित कार शेड के निर्माण के लिए आरे जंगल में 2,700 पेड़ों की कटाई और प्रत्यारोपण के लिए मंज़ूरी दे दी थी. इसका पर्यावरणविद् और स्थानीय लोगों ने विरोध किया था.
एमएमआरसीएल ने मेट्रो कार शेड बनाने के लिए 2,646 पेड़ों को काटने की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 70 लोगों की एक टीम भेजा था जिन्होंने 36 घण्टे में इन पेड़ों का काट डाला था
अब इस हिसाब से मेट्रो रेल परियोजना की कीमत से अधिक इन पेड़ों की कीमत थी या नही ! ये बताइये….
Story by – Girish Malviya