तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर किसानों ने तेरह महीने तक आंदोलन किया था। इसके अलावा केंद्र सरकार शुरू से न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून लागू करने की बात कहती रही है, लेकिन अभी तक यह लागू नहीं हुआ है। किसान संगठन इसे सरकार का वायदा खिलाफी मानता है। इसे लेकर एक बार फिर संयुक्त किसान मोर्चा लामबंद होना शुरू हो गया है।यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की रोहतक की जाट भवन में संपन्न बैठक में हुआ।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के आह्वाहन पर किसान आंदोलन के “स्मरण दिवस’ पर देश भर में नवंबर महीने में 26 से 28 तारीख तक हर प्रदेश की राजधानी में संविधान बचाओ आंदोलन होगा। उससे पहले किसान संगठन 26 अक्टूबर को हरियाणा के जींद में एक विशाल किसान सम्मेलन करेगा। वहीं 03 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई किसान की मौत के विरोध में देशभर में काला दिवस मनाया जाएगा।
आंदोलन को लेकर शनिवार को रोहतक के जाट भवन में संयुक्त किसान मोर्चा हरियाणा की अलग-अलग किसान संगठन के नेताओं के साथ बैठक हुई। एसकेएम के किसान नेताओं ने आज संपन्न बैठक का मुख्य एजेंडा एसकेएम को मजबूत बनाना और आगामी सेंटर एसकेएम के आहवान पर आंदोलन को सफल बनाना था।
रोहतक की बैठक में तय किया गया कि लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने किसानों पर गाड़ी चढ़ाई थी। उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई। टेनी मोदी-सरकार में अभी तक मंत्री बने हुए हैं। किसान टेनी को
सस्पेंड करने की मांग को लेकर 03 अक्टूबर को काला दिवस मनाने का पुरजोर ऐलान किया।
एमएसपी गारंटी कानून और स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करवाने को लेकर एसकेएम ने आहवान किया है। इसके लिए देश भर में 26 नवंबर से 28 नवंबर तक संविधान बचाओ आंदोलन किया जाएगा। वहीं 26 अक्टूबर को जींद में एक बड़ा किसान आयोजन भी किया जाएगा।