पंजाब में गेहूं खरीद का पिछले 5 सालों का रिकार्ड टूट गया है। यहां मंडियों में अब तक 4.3 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है।
राज्य की नवगठित आम आदमी पार्टी की सरकार ने घोषणा की थी कि, इस बार किसानों से गेहूं की ज्यादा खरीद होगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐलान किया था कि, किसानों की फसल खरीदी के 24 से 24 घंटों के अंतराल पर भुगतान कर दिया जाएगा। लिहाजा यहां भुगतान को लेकर भी नया रिकार्ड बना है।
सूबे में 10 अप्रैल तक किसानों की फसल की खरीद का 138 करोड़ रुपया सीधे बैंक खातों में जमा किया जा चुका है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में गेहूं की आवक बढ़ी है। 10 अप्रैल तक सरकारी एजेंसियों ने गेहूं की कुल खरीद ने पिछले पांच वर्षों में इसी तिथि तक गेहूं की खरीद के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि, इस साल सरकारी एजेंसियों ने अब तक 4.3 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जबकि इसी अवधि के दौरान वर्ष 2018 में गेहूं की खरीद 38,019 मीट्रिक टन थी।
राज्य के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पिछले दिनों ही एशिया की सबसे बड़ी अनाज मंडी कही जाने वाली पंजाब की खन्ना मंडी का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने खरीद-प्रबंधों का जायजा लिया। उन्होंने कहा था कि, अब देश के किसी भी इलाके का व्यापारी पंजाब में गेहूं की खरीद कर सकेगा, इसके लिए उसे आरडीएफ अदा करना होगा। उन्होंने कहा था, “मैं यह भी बता दे रहा हूं कि हमारी सरकार सभी मंडियों में गेहूं की खरीद करेगी।”
रबी मार्केटिंग सीजन 2022-23 के लिए पंजाब में एक अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद हो रही है| राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब में बड़े मात्रा में गेहूं की खरीद हो रही है|
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सरकार ने अपनी नोडल एजेंसियों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 6,51,493.99 मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद की, जिससे 3,99,706 किसान लाभान्वित हुए। वहीं 10 मई तक कर्नाटक में 52.40 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 5089 मीट्रिक टन नारियल (बारहमासी फसल) की खरीद कर कर्नाटक और तमिलनाडु के 3961 किसानों को लाभान्वित किया गया है।