tag manger - महाराष्ट्र में सूखे जैसे हालात, सूबे के 13 जिलों में 50 और 15 में 70 फीसदी से कम बारिश – KhalihanNews
Breaking News

महाराष्ट्र में सूखे जैसे हालात, सूबे के 13 जिलों में 50 और 15 में 70 फीसदी से कम बारिश

महाराष्ट्र में किसान बेहाल हैं। ज़्यादातर जिलों में कपास और गन्ना बोया नहीं जा सका है। बरसात होने की उम्मीद में जिन किसानों ने बुवाई की भी भरपूर बरसात के न होने से उनकी अंकुरित फसल खेतों में ही सूख गयी।। महाराष्ट्र में किसान नकदी की फसल के रूप में गन्ना और कपास बोते हैं।

मानसून महाराष्ट्र की दहलीज पर ठिठक गया। बरसात की उम्मीद लगाए किसानों को बादलों ने मायूस कर दिया। अब किसानों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है। बारिश न होने से महाराष्ट्र के गन्ना उत्पादन वाले मुख्य जिले में सूखे जैसे हालात हैं। लगभग 15 जिले में 70 फीसदी से कम बारिश हुई है जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं।

जिन किसानों ने अपनी जमीन में कपास, सोयाबीन और बाजरा की बुवाई की है। किसान पूरी तरह से खेती पर निर्भर हैं। उन्हें अच्छी बारिश की उम्मीद थी। लेकिन पिछला महीना पूरी तरह सूखा बीता, जिससे अब उनकी फसल मरने लगी है। उनके खेत के बने कुएं में पानी नहीं है.श। वहीं बीमा कंपनी ने अभी तक उन्हें घाटे का भुगतान नहीं किया है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार आधिकारिक तौर पर सूखे की घोषणा करेगी और उन्हें कुछ राहत मिलेगी।

महाराष्ट्र कैबिनेट ने भी स्थिति का जायजा लिया और जिलाधिकारियों और कृषि अधिकारियों को जरूरतमंद किसानों की मदद के लिए तैयार रहने को कहा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वे किसानों के प्रति प्रतिबद्ध हैं और वे सुनिश्चित करेंगे कि समय पर राहत मिले।

महाराष्ट्र के प्रमुख गन्ना उत्पादक जिलों में गन्ने की फसल अपर्याप्त बारिश के कारण किसान तनाव में है, जो सूखे जैसी स्थिति को दर्शाता है। जिससे खड़ी फसलों के लिए खतरा पैदा हो गया है। विशेष रूप से सोलापुर में 99 फीसदी वर्षा की कमी देखी गई है, जो इस मौसम में बारिश की गंभीर कमी का संकेत देता है। किसानों के मुताबिक अगले 10 दिन महाराष्ट्र में गन्ने की फसल के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

About

Check Also

हरियाणा : किसान आंदोलन को 102 खाप पंचायतों का समर्थन, 29 दिसंबर को बैठक में बड़ा एलान

हरियाणा व पंजाब की सीमा में शंभू-खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *