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हरियाणा और पश्चिमी बंगाल में भरपूर पैदावार के साथ है गाजर की मिठास भी

गाजर की पैदावार के क्षेत्र में हरियाणा अव्वल है। किसान अपने पशुओं का दूध बढ़ाने के गाजर को चारे के साथ मिलाकर खिलाते हैं। यहां के किसान हर साल बंपर गाजर का उत्पादन करते हैं। देश की कुल गाजर उत्पादन में हरियाणा का 20.23 फीसदी की हिस्सेदारी है। यहां की मिट्टी और जलवायु मटर की खेती के लिए बेहतर मानी जाती है।

गाजर में अनेक प्रकार के गुण पाए जाते हैं, जिस वजह से इसका इस्तेमाल अचार, मुरब्बा, जूस, सलाद, सब्जी और गाजर के हलवे को अधिक मात्रा में बनाने के लिए किया जाता है। हरियाणा के बाद भारत में पश्चिम बंगाल के किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती करते हैं। इसी वजह से उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर बंगाल है। देश की कुल गाजर उत्पादन में बंगाल की हिस्सेदारी 12.32 फीसदी है।
सर्दियों में गाजर की मांग काफी बढ़ जाती है। इसकी मांग कोदेखते हुए खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है।

गाजर उत्पादन के मामले में भारत के तीन प्रमुख राज्यों में तीसरा नंबर पंजाब का है. यहां गाजर का 11.77 फीसदी उत्पादन होता है। पंजाब में भी गाजर के घरेलू व व्यवसायिक उपयोग के अलावा इसे पशुओं क हरे चारे के तौर पर भी उपयोग किया जाता है।

गाजर की बुवाई के लिए अगस्त से सितंबर का महीना सबसे बेहतर माना जाता है। इसी को देखते हुए उत्तर प्रदेश गाजर के उत्पादन में चौथे नंबर पर है। इस राज्य के किसान हर साल 9.37 फीसदी गाजर का उत्पादन करते हैं। सूबे में लोगों की मांग को देखते हुए अलग-अलग स्थानों पर गाजर की खेती की जाती है।

जहां तक इसके गुणों की बात है तो गाजर में भरपूर मात्रा में विटामिन-ए और कैरोटीन पाया जाता है। गाजर सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। गाजर उत्पादन में मध्य प्रदेश ने अपना स्थान पांचवा रखा है. यहां के किसान हर साल 8.77 फीसदी गाजर का उत्पादन करते है।

गाजर का सेवन करने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कैरोटीनॉयड से भरपूर आहार कई प्रकार के कैंसर से बचाने में मदद कर सकता है।
पाक ऐसा कहा जाता है कि गाजर रक्त कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। इसलिए, यह सुनिश्चित करता है कि आपका स्वास्थ्य बना रहे।
पाक गाजर में कम कैलोरी होती है और तृप्ति बढ़ती है। इसलिए, वे बाद के भोजन में कैलोरी की मात्रा कम कर देते हैं।
पाक विटामिन ए के निम्न स्तर से रतौंधी का अनुभव होने की अधिक संभावना होती है। विटामिन ए या कैरोटीनॉयड सामग्री के कारण गाजर खाने से यह स्थिति कम हो सकती है।

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