मालदा जिले की सहज पहचान यहां पैदा होने वाले रसीले खूबसूरत आमो की वजह। से है। अरसे से मालदा के आम उतपादक अपने ‘मालदा आम’ को दुनिया के बाज़ार में पहुंचने के लिए जी-आई टैग हासिल चाहते थे। इसके लिए पश्चिम बंगाल के आम उत्पादक लगातार संघर्ष कर रहे थे। अरसे बाद उनकी तरह मांग पूरी हुईं हैं।
मालदा, जिसे अक्सर ‘भारत का आम का कटोरा’ कहा जाता है, अपनी प्रचुर आम की फसल, विशेष रूप से ‘लक्ष्मण भोग,’ ‘फजली,’ और ‘हिमसागर’ सहित 100 अन्य किस्मों के लिए मशहूर माना जाता है. जीआई टैग न केवल इन आमों को बाकी आमों की नकल से बचाएगा बल्कि इस क्षेत्र को इन स्वादिष्ट फलों के प्रामाणिक स्रोत के रूप में भी बढ़ावा देगा.
भारत की भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री की ओर से दिया जाने वाला जीआई टैग एक ऐसा लेबल है जो किसी विशेष उत्पाद के ओरिजिन के बारे में बताता है। इसकी विशेषताओं को उस विशिष्ट क्षेत्र से जोड़ता है, जहां से कोई उत्पाद आता है। यह टैग न केवल उत्पाद का मूल्य बढ़ाता है बल्कि उत्पादन और ब्रांडिंग को रोककर स्थानीय किसानों के हितों की रक्षा भी करता है।
भारत की भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री की ओर से दिया जाने वाला जीआई टैग एक ऐसा लेबल है जो किसी विशेष उत्पाद के जन्मस्थान के बारे में बताता है। इसकी विशेषताओं को उस विशिष्ट क्षेत्र से जोड़ता है, जहां से कोई उत्पाद आता है। यह टैग न केवल उत्पाद का मूल्य बढ़ाता है बल्कि उत्पादन और ब्रांडिंग को रोककर स्थानीय किसानों के हितों की रक्षा भी करता है।
सरकार से जीआई मान्यता मिलने के बाद अब निर्यातकों, व्यापारियों और किसानों के चेहरे पर मुस्कान है। आम की इन तीन किस्मों के लिए जीआई प्रमाणपत्र वितरण समारोह मालदा टाउन हॉल में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य विज्ञान प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के कार्यवाहक मंत्री उज्ज्वल विश्वास, सिंचाई विभाग की राज्य मंत्री सबीना यास्मीन और कपड़ा विभाग के राज्य मंत्री तजमुल हुसैन शामिल हुए। महोत्सव में बोलते हुए, एसोसिएशन की सदस्य रूपा बनर्जी ने कहा कि यह जीआई टैग केवल आमों के बारे में नहीं है। यह हमारी विरासत और परंपराओं को संरक्षित करने के बारे में है। हमें उम्मीद है कि इससे हमारे किसानों के लिए बेहतर अवसर पैदा होंगे।
आम की गुणवत्ता की जांच करने के बाद ही इन्हें विदेशी बाजार में बेचा जाता है। हालांकि, राज्य सरकार ने सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद ही किसानों और व्यापारियों को सीधे तौर पर लक्ष्मण भोग, हिमसागर और फजली आम के जीआई टैग के साथ आम के उत्पादन का भरोसा दिया है।। इससे मालदा के इन तीन प्रकार के आमों का नाम देश-विदेश के बाजारों में फैल जाएगा। इसी तरह क्वालिटी के बारे में भी कोई संदेह नहीं होगा।