मक्का की फसल किसानों के लिए लाभकारी फसल है। मोटे अनाजों में शामिल मक्का की उपज पोल्ट्री उद्योग के अलावा ऐथोनाल के निर्माण में सहायक है। पशु चारे के रूप में भी मक्का की फसल डेयरी उद्योग में पशुपालकों का पसंदीदा चारा है। इस साल मक्का के खेतों में फार्म आर्मी वर्म की वजह से किसान परेशान हैं।
अमेरिका का यह कीड़ा न केवल मक्का की पत्तियां कुतर रहा है बल्कि मक्का के दानों को भी खराब कर रहा है आईआईएमआर लुधियाना के अनुसार, फॉल आर्मीवर्म मुख्य रूप से मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाता है और मक्के की अनुपस्थिति में यह कीट ज्वार की फसल पर हमला करता है। अगर दोनों फसलें खेतों में उपलब्ध नहीं हैं, तो गन्ना, चावल, गेहूं, रागी जैसी फसलों को प्रभावित करता है। यह कपास और सब्जियों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यह कीट इतना खतरनाक है कि यह जिस भी फसल को पाता है, उसे पूरी तरह से नष्ट कर देता है।
कॄंषि विशेषज्ञो के अनुसार, फॉल आर्मी कीट अपने खाने वाले फसलों के लिए 100 किलोमीटर तक उड़ सकते हैं। आर्मी वर्म कीट के नर पंतगों को शऱीर के दो लक्षणों से पहचाना जा सकता है। इस कीट के पीठ के केंद्र पर पीले रंग का धब्बा और आगे के पंख पर एक सफेद रंग का धब्बा होता है। फॉल आर्मी कीट की मादा पतंग अकेले अपने जीवन काल में 1000 से अधिक अंडे देती है। फॉल आर्मी वर्म कीट का लार्वा अवस्था ही फसल को नुकसान पहुंचात है। इसके लार्वा हल्के हरे या गुलाबी भूरे रंग के होते हैं। मक्का में फॉल आर्मीवर्म हरे जैतून या हल्के गुलाबी रंग के दिखाई देते हैं।
निरोग खेती के जानकारों के अनुसार इस कीट का हमला मक्के के अंकुरण के 2-4 सप्ताह बाद होता है और 5 से 10 प्रतिशत पौधा संक्रमित होता है।सबसे पहले स्प्रे बीटेके 2 मिली दवा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिडकाव करना चाहिए। अगर पौधे में हानि 10 प्रतिशत से पार हो जाए तो स्पाईनटारम 11.7% एससी 05 मिली दवा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
खेत में मक्का अंकुरण के 4 से 7 सप्ताह बाद वाली फसल में फॉल आर्मी वर्म का आक्रमण होता है। पौधे 10-20 फीसदी संक्रमित होते हैं तो स्पाईनटोरम 11.7% एससी दवा 0.5 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी याक्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एससी 0.4 मिली प्रति लीटर पानी हिसाब से छिड़काव करें। अगर मक्का में बड़े लार्वा गोभ के अंदर खाते हुए पाए जाते हैं तो थियोडीकार्ब 75% WP आधारित जहर चारे का प्रयोग करके फसल को बचाने का काम किया जा सकता है।
अगर भूट्टे की अवस्था पर आर्मी वर्म कीट का आक्रमण होता है और भूट्टे में 10 फीसदी से अधिक नुकसान हो रहा है तो इस अवस्था पर कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं करना चाहिए। इस अवस्था पर कीट को हाथ से पकड़ कर नष्ट कर देना चाहिए। कॄषि वैज्ञानिकों की सलाह है कि जिन खेतों में मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म का आक्रमण हो चुका है,उस खेत में अगले साल फिर मक्का नहीं होनी चाहिए।