उत्तर प्रदेश में गन्ना विभाग की ओर से गन्ना क्लीनिक और गन्ना निवेश वितरण केंद्र खोले गए है। गन्ना किसानों को अब गन्ने की खेती से संबंधित सभी जानकारी गन्ना क्लीनिक में मिलेगी। चीनी निगम की ख़बर के मुताबिक अमरोहा और पीलीभीत में किसानों को नजदीकी समितियों अथवा चीनी मिल के गेट पर ही गन्ने की बीमारी, उपज व अन्य जानकारियां उपलब्ध हो सकेंगी। अमरोहा जिले में 11 जगह यह केंद्र खोले गए है। पीलीभीत जिले में 17 गन्ना क्लीनिक खोलें गये है।
जनपद भर में 97705 हेक्टेयर जमीन पर गन्ने की खेती की जाती है। गन्ना विभाग ने किसानों की समस्याओं एवं सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ही गन्ना क्लीनिक सक्रिय किए है। गन्ना क्लीनिक पर किसानों को गन्ने का उत्पादन बढ़ाने के टिप्स, मृदा परीक्षण के बारे में जानकारी, बीज एवं भूमि शोधन के लाभ, गन्ने की फसलों के रोगों की पहचान, लक्षण एवं कीटनाशक दवाओं के प्रयोग की जानकारी दी जाएगी।
गन्ना क्लीनिक पर विभागीय योजनाओं, गन्ने की उन्नतशील प्रजाति, बीज उपलब्धता, गन्ने की खेती के लिए प्रचलित विधि आदि के बारे में भी जानकारी मुहैया कराई जाएगी।तीन गन्ना क्लीनिक तीनों शुगर मिल मंडी धनौरा, हसनपुर एवं चंदनपुर के गेट पर खोले गए है।
सहकारी गन्ना विकास समिति में संचालित खाद गोदामों को गन्ना एग्रो क्लीनिक के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां गन्ना किसानों को मुफ्त में सलाह दी जाएगी।
जिलेभर में 17 गन्ना एग्रो क्लीनिक खोले जाएंगे, जिसमें पीलीभीत समिति, जोगीठेर, चुर्रासकतपुर, बीसलपुर, गन्ना विकास परिषद पूरनपुर, मझोला, बरखेड़ा, बलदेवपुर, बिलसंडा, पीलीभीत चीनी मिल क्षेत्र में पांच क्लीनिक, अमरिया, गजरौला, खमरिया पुल शामिल है। जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम ने बताया कि गन्ना एग्रो क्लीनिक में किसानों को खाद मिलने के साथ ही सुपरवाइजर सलाह देने का काम करेंगे। इसका लाभ जनपद के तकरीबन ढाई लाख गन्ना परिवारों को होगा।