उत्तर प्रदेश के सभी ग्राम सचिवालयों में लगेंगे सीसीटीवी और पब्लिक एड्रेस सिस्टम, हर ग्राम पंचायत में स्थापित होगा ऑल वेदर स्टेशन और रेन गेज यह घोषणा करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में पंचायती राज विभाग के कार्यक्रमों की समीक्षा के दौरान कहा- सभी ग्राम पंचायतों में बनाएं बारातघर, आमजन को होगी बड़ी सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के सशक्तिकरण से प्रदेश समृद्ध होगा प्रदेश। गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए करें ठोस प्रयास करके ही विकास कार्यों के लक्ष्य सहजता से प्राप्त करना संभव हैं। उन्होंने ग्रामांचलों में तरल व ठोस अपशिष्ट के कारगर निस्तारण की क्षेत्रवार योजना बनाने की रूपरेखा को महत्वपूर्ण बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को पंचायती राज विभाग के कार्यक्रमों/योजनाओं की समीक्षा की और ग्राम पंचायतों के सशक्तिकरण के सम्बंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
प्रदेश की समृद्धि के लिए गांवों का सशक्तिकरण आवश्यक है। इस दिशा में विगत 06 वर्ष में उत्तर प्रदेश में हुए नियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में देश की कुल पंचायतों के लगभग 05वां हिस्सा है। वर्तमान में 57,702 ग्राम पंचायतों, 75 जिला पंचायतों, 826 क्षेत्र पंचायतों के माध्यम से प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था आदर्श रूप में कार्य कर रही है।हमारी कई पंचायतों ने नवाचार अपना कर एक मॉडल प्रस्तुत किया है। हमें अपने गांवों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। गांवों में प्रतिभा है। क्षमता है। आवश्यकता है।उन्हें थोड़ा सही दिशा बताने की जरूरत है। इस संबंध में ठोस प्रयास किया जाना चाहिए।
ग्रामीण विकास के विभिन्न प्रयासों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा -साधन संपन्न परिवारों के पास अपने परिजनों के विवाह व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन के लिए अनेक विकल्प होते हैं। किंतु सीमित अथवा कमजोर आय वाले परिवारों के लिए ऐसे समारोहों का भव्य आयोजन करने में बड़ी आर्थिक समस्या होती है। गांवों में बारातघर की बड़ी आवश्यकता है। ऐसे में सभी ग्राम पंचायतों में बारातघर का निर्माण कराया जाना चाहिए। मातृभूमि योजना के अंतर्गत अब तक मिले प्रस्ताव उत्साहजनक हैं। हर जिले के लिए प्रवासी जनों से प्रस्ताव मिल रहे हैं। इस योजना का उपयोग गांवों में बारातघर निर्माण में भी किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा -खुले से शौच से मुक्ति के बाद अब हमें गांवों में ठोस और तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए कार्य करना होगा। हर गांव में जल निकासी की बेहतर व्यवस्था हो। उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य हो कि आगामी वर्ष 2025 तक सभी 57702 ग्राम पंचायतों और उनमें शामिल 95826 राजस्व ग्रामों को अपशिष्ट निस्तारण का मॉडल बनाएं। इस लक्ष्य की सफलता के लिए चरणबद्ध कार्ययोजना तैयार करें। तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सोख्ता, फिल्टर चैंबर, कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड आदि का निर्माण कराया जाना चहिये। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए कूड़े से खाद बनाने को श्री योगी ने उपयोगी बताया। गांवों को प्रतिबंधित श्रेणी के प्लास्टिक से मुक्त कराने के लिए भी जनजागरूकता बढ़ाने के प्रयास करें। सभी ग्राम पंचायतों को चरणबद्ध रूप से आईएसओ सर्टिफाई कराया जाए।
त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायत) में विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। पंचायतों के विकास के लिए धनराशि का आवंटन समय पर हो। कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करें। त्रिस्तरीय पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता के दृष्टिगत यहां भी जेम (गवर्नमेंट ई-मार्केट) पोर्टल की व्यवस्था लागू की जाए।
प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना ने ग्रमीण जीवन को सहज बनाया है। यहां पंचायत सहायक/अकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर नियुक्त किये गए हैं। पहली बार गावों के लिए आर्किटेक्ट/कंसल्टिंग इंजीनियर का इम्पैनलमेन्ट किया जा रहा है। ग्राम पंचायतें ऑनलाइन कार्यों में सक्षम हैं। आज शासन की योजनाओं का सीधा लाभ सीधे गांव में बैठे व्यक्ति को मिल रहा है।
प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों में संचालित ग्राम सचिवालयों को हाई स्पीड इंटरनेट सेवा से लैस किया जाए। सचिवालय परिसर के 50 मीटर परिधि में आम जन के उपयोगार्थ वाई-फाई की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी। हर गांव डिजिटल सुविधा युक्त होगा। इस संबंध में आवश्यक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।
प्रदेश की जिला पंचायतों में ई-गवर्नेंस प्रणाली को लागू कर कार्यों के संपादन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑनलाइन रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल को लागू किया जाए। इस पोर्टल से कर वसूली, लाइसेंस निर्गत करने की प्रक्रिया, मानचित्र की स्वीकृति आदि को सुचारु एवं पारदर्शी रूप से किया जाना संभव होगा।
पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में सभी ग्राम सचिवालयों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे की उपलब्धता कराने को जरुरी बताया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान के लिए कृषि विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ऑल वेदर स्टेशन व रेन गेज़ स्थापित कराए जाएं।