प्रदेश के सभी जिलों में छुट्टा पशुओं से किसान परेशान,के सड़कों पर घूमने के चलते हर रोज हादसे हो रहे हैं . इन हादसों में लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है। पशु आश्रय स्थल खोलें जाने के बावजूद छुट्टा मवेशियों की वज़ह से नागरिकों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
राजधानी लखनऊ सहित सभी जिलों से गुजरने वाले राजमार्गों पर भी बड़ी संख्या में यह छुट्टा पशु घूमते हुए दिखाई पड़ते हैं जबकि इन्हीं रास्तों से हर रोज अधिकारियों का भी आना जाना लगा रहता है । इसके बावजूद भी इन छुट्टा पशुओं को संरक्षित गौशालाओं तक नहीं पहुंचाया जा सका है।
सूबे में निराश्रित पशुओं, खासतौर पर गोवंश के संरक्षण के लिए योगी-सरकार ने प्रयास किये हैं। अभी भी समस्या बनी हुई है।उत्तर प्रदेश सरकार निराश्रित गोवंश को संरक्षण का काम 2017 से कर रही है। प्रदेश में निराश्रित गोवंश किसानों की फसलों के लिए तो एक बड़ी समस्या बन चुके हैं। वहीं दूसरी तरफ सड़कों पर घूम रहे यह पशु हादसों को भी दावत दे रहे हैं।
फिलहाल पशुपालन विभाग पूरे प्रदेश में 6781 गो आश्रय स्थल स्थापित कर चुका है जिसमें 11लाख 68 हज़ार 875 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। इसके बावजूद भी अभी पूरे प्रदेश में निराश्रित गोवंश सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने विभाग के अधिकारियों को निर्देशित भी किया है कि जल्द से जल्द सड़कों पर घूम रहे छुट्टा पशुओं को गो आश्रय स्थल तक पहुंचाया जाए. प्रदेश में 68 नवीन गांव आश्रय स्थलों का भी निर्माण किया गया है जिसमें 37000 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। इसके बावजूद समस्या बनी हुई है।PHOTO CREDIT – google.com