उत्तर प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों के गन्ना किसानों के लिए सुखद समाचार है। मुख्यमंत्री द्वारा गन्ना कृषकों को तत्काल गन्ना मूल्य भुगतान कराये जाने हेतु दिये गये निर्देशों के क्रम में उ.प्र. शासन द्वारा किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 450 करोड़ रुपये की धनराशि अवमुक्त कर दी है। ऋण के रूप में मिली यह धनराशि सीधे किसानों के खाते में जाएगी।
सूबे के गन्ना मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया कि पेराई सत्र 2022-23 के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट अर्न्तगत प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष यह ऋण स्वीकृत किया गया है।
इस संबंध में अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि किसानों को त्वरित गन्ना मूल्य भुगतान कराने हेतु सरकार संकल्पबद्ध है और सहकारी चीनी मिलों की भुगतान क्षमता को ध्यान में रखते हुए गन्ना मूल्य के त्वरित भुगतान के लिए सहकारी मिलों को रू.450 करोड़ की वित्तीय सहायता ऋण के रूप में प्रदान की गई है। यह धनराशि सहकारी मिलों को आवंटित कर सीधे गन्ना किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
श्री रेड्डी ने यह भी बताया कि आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग के स्तर से चीनी मिलों द्वारा किसानों को किये जा रहे गन्ना मूल्य भुगतान की स्थिति की सतत् समीक्षा की जा रही है। वर्तमान सरकार द्वारा अब तक कुल रू.2,11,350 करोड का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को किया जा चुका है।