इटली की मधुमक्खी से परागण प्रबंधन कर हिमाचल के बागवान सेब का 40 फीसदी उत्पादन बढ़ा सकेंगे। राज्य के आठ जिलों के सेब उत्पादकों को परागण के लिए पहली बार सीजन से पहले व्यापक स्तर पर 22 मार्च तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जर्मनी की कंपनी के प्रशिक्षित बागवानी विभाग के मास्टर ट्रेनर पहले चरण में करीब आठ हजार बागवानों को प्रशिक्षण देंगे। बागवानी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि बागवान अभी तक देसी मधुमक्खियों का इस्तेमाल सेब के बगीचों में परागण के लिए करते रहे हैं। इन मधुमक्खियों का परागण में बेहतर प्रयोग कैसे करेंगे, यह जानकारी अधिकांश बागवानों को नहीं रहती है।
देसी मधुमक्खियों की अपेक्षा इटली की मधुमक्खियां परागण में ज्यादा कारगर रहती हैं।
बागवानी विभाग के मौन पालन विशेषज्ञ शरद गुप्ता कहते हैं कि इटली की मधुमक्खियों से सेब के बगीचों में सही समय पर परागण किया जाए तोे सेब की पैदावार 40 फीसदी अधिक ली जा सकती है। इटली की मधुमक्खियों को एक बक्से के लिए एक किलो चीनी खाने को दी जाए तो इससे उनमें परागण के लिए अधिक ऊर्जा आती है।
बागवानी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सेब के बगीचों में अच्छी पैदावार लेने के लिए एक हेक्टेयर में मधुमक्खियों के तीन बक्से रखने जरूरी हैं। बागवानों को यह भी ध्यान देना होगा कि एक बक्से में 8 से 9 फ्रेम हों। कभी बागवान सिर्फ बक्से देखते हैं और उनमें फ्रेम पूरे नहीं होते। इससे भी परागण में कमी रहती है और सेब पैदावार सही नहीं होती।