हरियाणा में लगभग 7.6 लाख पशु हैं| इनसे लगभग 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस का उत्पादन किया जा सकता है| इस 3.8 लाख क्यूबिक मीटर बायोगैस से 300 मेगावाट बिजली पैदा की जा सकती है| करीब 100 पशुओं से लगभग 10 क्विंटल गोबर प्राप्त होता है, जिससे लगभग 50 क्यूबिक मीटर गैस प्राप्त हो सकती है|
बायोगैस को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने संस्थागत बायोगैस प्लांट योजना शुरू की है। योजना के तहत पोल्ट्री फार्म, व्यावसायिक, खुद की डेयरी व गऊशाला आदि संस्थाएं लाभ उठा सकती है। बायोगैस प्लांट की लागत का 40 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। इच्छुक व्यक्ति या संस्थाएं आवेदन कर योजना का लाभ उठा सकते हैं।
अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022-2023 के दौरान बायोगैस को बढ़ावा देने के लिए योजना क्रियान्वित की है। इस योजना के तहत 25 क्यूबिक बायोगैस प्लांट पर अधिकतम 1,27,200 रुपये अनुदान, 35 क्यूबिक बायोगैस प्लांट पर अधिकतम 2,02,000 रुपये तक के अनुदान का प्रावधान है। जबकि 45 क्यूबिक बायोगैस प्लांट पर अधिकतम 2,38,800 रुपये अनुदान, 60 क्यूबिक बायोगैस प्लांट पर अधिकतम 3,02,400 रुपये अनुदान मिलेगा।
बायोगैस प्लांट लगाकर पर्यावरण प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इससे प्राकृतिक खाद मिलती है, जो खेती के लिए बढ़िया उपजाऊ शक्ति का काम करती है। इसके अलावा बायोगैस प्लांट से धुआं-रहित गैस निकलती है, जिसका उपयोग एलपीजी की तरह खाना बनाने में किया जाता है।