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मध्य प्रदेश में उड़द की सरकारी खरीद लिए सरकार के दरवाज़े 5 जून तक खुले

इस बार मध्य प्रदेश में उड़द की समर्थन मूल्य पर ख़रीद के लिए पांच जून तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद 10 जिलों में की जाएगी। इन जिलों में छिंदवाड़ा, पन्ना, मंडला, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, उमरिया, सिवनी, बालाघाट और दमोह का नाम शामिल है. जबकि मूंग की खरीद 32 जिलों में होगी। इनमें धार, राजगढ़, मंडला, इंदौर, शिवपुरी, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खंडवा, खरगौन, कटनी, दमोह,नर्मदा पुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, भिंड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुरश्योपुर कलां, उमरिया, , बालाघाट और अशोक नगर जिला शामिल है। बताया गया कि यह रजिस्ट्रेशन 25 जनवरी 2024 को गेहूं की खरीद के पंजीयन नियमों के अनुरूप होगी, जो खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किया गया था। वहीं, जिले के संबंधित अधिकारियों से ई-उपार्जन पोर्टल पर मूंग और उड़द की खरीद के लिए से रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन केंद्र बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही किसानों को अपना उत्पाद बेचने के लिए स्लॉट चयन की प्रक्रिया रहेगी।
किसान लोक सेवा केन्द्र और साइबर कैफे पर अपनी उपज बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। इसके लिए उन्हें शुल्क के रूप में 50 रुपये की राशि देनी होगी. वहीं, रजिस्ट्रेशन के समय किसान को भूमि संबंधी दस्तावेज की जरूरत पड़ेगी। इसलिए किसान घर से निकलते समय सारे कागजात अपने साथ लेकर चलें।

यह भी हिदायत दी गई है कि इसके अलावा किसान को अपना आधार कार्ड और पासपोर्ट साइज फोटो भी परीक्षण के लिए देना पड़ेगा। सिकमी, बटाईदार, कोटवार एवं वन पट्टाधारी किसान के रजिस्ट्रेशन की सुविधा केवल सहकारी समिति एवं सहकारी विपणन सहकारी संस्था स्तर पर स्थापित पंजीयन केन्द्रों पर उपलब्ध होगी। किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उड़द की खरीद 10 जिलों में की जाएगी। इन जिलों में छिंदवाड़ा, पन्ना, मंडला, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, उमरिया, सिवनी, बालाघाट और दमोह का नाम शामिल है।

कृषि विभाग ने 70 कंपनियों के बीजों को अनुशंसित किया है। रासी सीड्स (659) एवं आशा-1 कपास बीज की खास मांग है। जानकारों के अनुसार इन किस्मों में बेहतर उत्पादन मिलता है, इसलिए इन बीजों की मांग सबसे ज्यादा है। किसान कहते हैं कि अच्छी प्रजाति को जल्दी लगाना पड़ता है। लंबी अवधि के पौधे का उत्पादन बहुत अच्छा होता है। मंडी में अच्छे भाव देता है। सबसे पहले यही बिकता है। इसलिए लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं। शासन ने कपास के बीज के एक पैकेट की कीमत 864 रुपए निर्धारित की है। पर इसके लिए किसानों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

 

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