इलाहाबादी अमरूद अपनी पहचान खोता जा रहा है। एक दौर था जब विदेशों तक इसकी मांग थी लेकिन अब इसका दायरा सिमट रहा है। जिसको बचाने के लिए औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र खुसरो बाग, प्रयागराज में कौशल विकास एंव उद्यमशीलता मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत माली प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रतिभागियों को बताया गया कि भूमि कैसी भी हो उससे पौधों का उत्पादन किया जाना संभव है।
इलाहाबाद अब प्रयागराज हो गया है| योगी सरकार ने अपने अभूतपूर्व फैसले में इलाहाबाद को उसका प्राचीन नाम लौटाया है| लेकिन, अमरूद के शौकीनों की जुबान पर आज भी इलाहाबादी अमरूद का नाम कायम है| असल में इलाहाबाद का अमरूद अपने रंग और स्वाद के कारण दुनियाभर में लोकप्रिय है| हालांकि बीते कुछ वर्षों से कई वजह से किसानों के बीच किसकी खेती की दिलचस्पी कम हुई है| जिसे देखते हुए उत्तर प्रदेश बागवानी विभाग ने अब मोर्चा संभाल लिया है|
उद्यान विशेषज्ञ वीके सिंह का कहना है कि पिछले साल अमरूद की फसल दो तीन कारणों के चलते अच्छी नहीं आई थी। फल मक्खी कीड़ों के चलते अमरूद की फसल ज्यादा प्रभावित हुई है|
इलाहाबादी अमरूद के किसानों के लिए बागवानी विभाग की तरफ से शुरू की गई पहल के तहत किसानों को बेहतर तकनीक का उपयोग करके अच्छी फसल पैदा करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. बागवानी विभाग ने अपने इस विशेष अभियान के तहत प्रयागराज और आसपास के जिलों के किसानों और बागवानों को बागवानी प्रयोग एवं प्रशिक्षण केंद्र, खुसरू बाग में बीते दिनों प्रशिक्षण दिया. किसानों और बागवानों को एक माह का निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है.
वहीं किसानों को अमरूद की कुछ विशेष प्रजातियों पर मई के महीने यूरिया के छिड़काव की जानकारी दी गई है| जिससे जाड़ों में उत्पादन बेहतर हो| वहीं प्रशिक्षण में किसानों को एक विशेष फेरोमोन ट्रैप (फ्रूट फ्लाई ट्रैप) का उपयोग करने के लिए कहा गया, जो कीट नियंत्रण के लिए जरूरी है. बागवानी विभाग की पहल का मुख्य उद्देश्य अमरूद के उत्पादन के लिए किसानों को प्रोत्साहित करना है|
अपने रंग और स्वाद के लिए जाना जाने वाला इलाहाबादी अमरूद देश-विदेश में प्रसिद्ध है, जो किसानों के लिए एक नकद फसल है| मसलन, इलाबादी अमरूद की बेहद ही मांग रहती है. जिसके बाजार में भाव भी बेहतर मिलते हैं| लेकिन, बीते कुछ वर्षों में खराब मौसम और कीटों सहित विभिन्न कारणों से प्रयागराज में अमरूद के उत्पादन में गिरावट आई है| इस वजह से किसानों को भारी नुकसान उठना पड़ा था| नतीजतन किसानों की दिलचस्पी अमरूद की खेती से दिलचस्पी कम होने लगी थी|