हरियाणा में 22 जिले हैं. 400 से अधिक मंडियों में धान खरीद की व्यवस्था की गई है| सभी जिलों में प्रशासनिक सचिवों को जिला प्रभारी बनाया गया है| प्रशासनिक सूची समय-समय पर मंडियों का दौरा करेंगे. धान खरीद एमएसपी पर हो रही है या नहीं| इस पर नजर रखेंगे| मंडी में धान करने के लिए जगह है या नहीं, इसकी व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी भी मंडी प्रभारी की होगी| धान में नमी नापने के लिए मॉइश्चर मीटर भी उपलब्ध कराया जाएगा|
मंडी में कहीं अधिक धान इकट्ठा ना हो जाए, इसके लिए जिला प्रभारियों की जिम्मेदारी होगी कि वह मंडी से धान उठान करवाएंगे| धान की खरीद रजिस्टर में लिखी जाएगी| इसको चेक भी जिला प्रभारी करेंगे|
सीएम ने निर्देश दिए कि किसानों को अपनी फसल लाने का समय भी सुनिश्चित किया जाए| हर मण्डी में फसल उठान की पर्याप्त व्यवस्था की जाए| मंडियों में भीड़भाड़ से बचने के लिए प्रत्येक मंडियों के पास अतिरिक्त खरीद केंद्र भी स्थापित किए जाने चाहिए| किसानों, मार्केटिंग बोर्ड, मिल मालिकों, आढ़तियों और मंडियों के लिए अलग-अलग एसओपी भी तैयार की जाए| खरीद प्रक्रिया की महत्वपूर्ण जानकारी के साथ पोस्टर भी मंडियों में वितरित किए जाने चाहिए|
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रत्येक किसान को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है| इसलिए प्रत्येक संबंधित अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भुगतान 72 घंटों के भीतर हो जाए| आई-फॉर्म के अनुमोदन से 72 घंटों के भीतर भुगतान ऑनलाइन होना चाहिए| इस सीजन में सरकार 55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद करेगी|