बिहार कृषि विभाग और बागवानी निदेशालय द्वारा एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अंतर्गत राज्य के किसानों को पपीते की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत बिहार राज्य सरकार पपीते की खेती में किसानों को 75% तक अनुदान दे रही है। यदि हम इसे आंकड़ों के जरिए समझें तो यदि आप एक हेक्टेयर के खेत में पपीते का फसल लगाते हैं और उसमें लगभग 60,000 रूपये की लागत आती है तो उस लागत का 75% सब्सिडी आपको सरकार की तरफ से मिलेगा।
देश में पपीता की खेती छोटे मोटे नहीं बल्कि बड़े पैमाने पर की जा रही है। उन राज्यों की बात करें तो यह तमिलनाडु, बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू एवं कश्मीर, उत्तरांचल और मिजोरम आदि राज्यों में की जा रही है।
योजना के तहत किसानों को रेड लेडी प्रजाति के पपीते उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर किसानों को विभाग की ओर से 75 फीसद अनुदान भी दिया जाएगा। किसानों को पौधे विभाग की ओर से ही उपलब्ध कराए जाएंगे। ज्ञात हो कि अभी चालीस से पचास रुपये किलो पपीता बिकता है। एक हेक्टेयर में एक अनुपात आठ की दर से 25 सौ पौधे लगाए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इसका लाभ लेने के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
रेड लेडी प्रजाति का पौधा छह से सात महीने में फल देने लगता है। इसकी खेती के लिए दोमट और बलुआही दोनों ही मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। बस पपीते के खेत में पानी नहीं फंसना चाहिए। इसकी खेती के लिए उंचे खेतों का चयन करना चाहिए।
इच्छुक किसान बिहार राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत पपीपे की खेती पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर विजिट कर आवेदन कर सकते हैं. इस योजना का लाभ वहीं किसान ले सकते हैं जो बिहार के निवासी हों|