tag manger - झारखण्ड : कम बारिश से धान उत्पादन कम, किसानों के सामने संकट – KhalihanNews
Breaking News

झारखण्ड : कम बारिश से धान उत्पादन कम, किसानों के सामने संकट

कम बारिश की वजह से इस खरीफ सीजन धान के खेती के रकबे में 9 फीसदी की गिरावट पिछले साल की तुलना में दर्ज की गई है| आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में धान के रकबे में 0.9 मिलियन हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 0.39 मिलियन हेक्टेयर, उत्तर प्रदेश में 0.24 मिलियन हेक्टेयर और बिहार में 0.21 मिलियन हेक्टेयर की गिरावट आई है|

कृषि विभाग द्वारा झारखण्ड में 31 अगस्त तक राज्य में की गई खेती के आधार पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है| इस रिपोर्ट में खेत में लगाए गए फसल यानी फसलों की बुवाई को आधार बनाया गया है| रिपोर्ट में कहा गया है कि खरीफ मौसम में राज्य में 31 अगस्त तक 7.37 लाख हेक्टेयर जमीन में धान की बुवाई गई थी| राज्य में बारिश की स्थिति को देखते हुए प्रति हेक्टेयर 248 किलो धान के उत्पादन की उम्मीद की गई है|

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस साल सामान्य मॉनसून का अनुमान लगाया गया था, इसे देखते हुए कृषि विभाग द्वारा इस साल 26.01 लाख टन खाद्यान्न उत्पादन की उम्मीद की है| जबकि पिछले साल 51 लाख टन धान का उत्पादन हुआ था| इस बार धान के बार उत्पादन के मामले में मकई का नंबर आएगा| इस बार करीब 4.35 लाख टन मक्के के उत्पादन का अनुमान लगाया गया है| दलहन की बात करें तो इस बार दो लाख टन अरहर का उत्पादन होने का अनुमान है.खरीफ में कुल 3.22 लाख टन दलहन का उत्पादन का अनुमान है|

पिछले खरीफ सीजन में देश में अच्छी बारिश हुई थी, अच्छी बारिश के बाद झारखंड में 53 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था| पिछले पांच सालों के फसल उत्पादन के आकंड़ों को देखे तो वर्ष 2017 में सबसे अधिक 57 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था| जबकि 2018 में उत्पादन में कमी आई थी और उत्पादन घटकर 33 लाख टन हो गया था| इसके बाद 2019 में खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ा था और यह 41.22 लाख टन हुआ था, जबकि 2020 में 57.64 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ |

देरी से हुई है धान की रोपाई
झारखंड में इस बार बारिश की कमी के कारण पलामू प्रमंडल और संथाल में भयंकर सूखा पड़ा है| पानी की कमी के कारण किसानों ने इस बार धान की खेती नहीं की है| जिन किसानों ने धान की रोपाई करने के लिए तैयारी की थी उन्होने अगस्त महीने की शुरुआत मे हुई बारिश के बाद धान की रोपाई की है|

About admin

Check Also

महाकुंभ : प्रयागराज क्षेत्र में रेलवे स्टेशन से लेकर बस अड्डों तक बदलाव की लहरें

महाकुंभ : प्रयागराज क्षेत्र में रेलवे स्टेशन से लेकर बस अड्डों तक बदलाव की लहरें

महाकुंभ के कारण और रेलवे की नवीकरण योजना के तहत वर्ष 2024 और 2025 में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *