राज्य के किसानों को मौसम से हुई क्षति को न्यूनतम किया जा सके| इस क्रम में सरकार ने त्वरित राहत देने के लिए किसानों को तोरिया और मक्का बीज के मिनीकिट मुहैया कराने का फैसला लिया है| साथ ही कृषि एवं उद्यान विभाग के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस एवं मिनी सेंटर ऑफ एक्सिलेंस किसानों को गोभी, टमाटर, मिर्च आदि सीजनल सब्जियों की बेहतर प्रजाति की अगैती पौध भी उपलब्ध कराएंगे|
मालूम हो कि सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में नियंत्रित तापमान एवं नमी में नर्सरी तैयार की जाती है| लिहाजा पौधे निरोग होते हैं
किसान नर्सरी डालने के खर्च और उसके जोखिम से बच जाते हैं| गुणवत्ता की गारंटी अलग से होती है| ऐसे में सरकार की ये पहल अगेती सब्जी की खेती करने वालों के लिए काफी मुफीद होगी| पौध उपलब्ध कराने के अलावा सरकार किसानों को सब्जी बीज के किट भी उपलब्ध कराएगी| सिंचन क्षमता के विस्तार के लिए किसानों को अनुदान पर 10 हजार अतिरिक्त सोलर पंप भी मुहैया कराएगी सरकार|
आलू के भंडारण की क्षमता में 30 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोतरी हुई तो प्याज भंडारण के लिए करीब 200 भंडारण केंद्र बनाए गए। अब सहारनपुर, लखनऊ, हापुड़, कुशीनगर, चंदौली व कौशांबी में आलू और फल के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी है। साथ ही 30 जिलों में जनपद स्तरीय इन्क्यूबेशन सेंटर भी खोले जाएंगे।
यही नहीं खुले मैदान में भी टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, मिर्च, खीरा, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न व विदेशी सब्जियों की खेती प्रस्तावित है| खुले में सूक्ष्म सिंचाई के साथ-साथ फर्टिगेशन व केमिगेशन सिस्टम के साथ खेती का परीक्षण-प्रदर्शन किया जाएगा| टपका और फव्वारा सिंचाई का भी प्रदर्शन होगा|