tag manger - हिमाचल प्रदेश : मंडियों में सेब की आमद बढ़ी लेकिन रेट कम होने के कई कारण गिना रहे बागवान – KhalihanNews
Breaking News

हिमाचल प्रदेश : मंडियों में सेब की आमद बढ़ी लेकिन रेट कम होने के कई कारण गिना रहे बागवान

हिमाचल प्रदेश के सेब के बाजार भाव में फिर से गिरावट आई है। प्रति पेटी 200 रुपए से 400 रुपए की कमी हुई है। उन्नत किस्म का जो सेब चार दिन पहले 2300 रुपए प्रति पेटी तक बिक रहा था, प्रदेश के मंडियों में आज उसके भाव गिरकर 1900 तक आ गए हैं।

कृषि उपज विपणन समिति (APMC) शिमला-किन्नौर के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान ठियोग, मत्याना, नारकंडा व आसपास की मंडियों में 1,00,880 पेटी सेब बिका, जबकि 27 अगस्त को 58,880 पेटी सेब इन मंडियों में आया था। भट्टाकुफर मंडी में 48,650 पेटी सेब पहुंचा है।

बीती 26 अगस्त को भट्टाकुफर मंडी में 35,419 पेटी सेब बिका है। पराला मंडी में 51,317 पेटी और रोहड़ू में 45,092 पेटी सेब पहुंचा है। कुल मिलाकर शिमला जिला की अलग-अलग मंडियों में ही ढाई लाख पेटी सेब बेचने के लिए लाया गया है। इससे सेब के रेट में कमी दर्ज की गई है।

प्रदेश की मंडियों में सेब के रेट गिरने के दो कारण माने जा रहे हैं। पहला अदानी द्वारा एक्स्ट्रा स्मॉल सेब के रेट 2 रुपए प्रति किलो कम करना और दूसरा आमद बढ़ना है। अदानी में शुक्रवार रात को ही रेट 2 रुपए कम किए हैं। इसी तरह सेब की आमद (अराइवल) में भी इजाफा हुआ है।

कृषि उपज विपणन समिति (APMC) शिमला-किन्नौर के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान ठियोग, मत्याना, नारकंडा व आसपास की मंडियों में 1,00,880 पेटी सेब बिका, जबकि 27 अगस्त को 58,880 पेटी सेब इन मंडियों में आया था। भट्टाकुफर मंडी में 48,650 पेटी सेब पहुंचा है।

26 अगस्त को भट्टाकुफर मंडी में 35,419 पेटी सेब बिका है। पराला मंडी में 51,317 पेटी और रोहड़ू में 45,092 पेटी सेब पहुंचा है। कुल मिलाकर शिमला जिला की अलग-अलग मंडियों में ही ढाई लाख पेटी सेब बेचने के लिए लाया गया है। इससे सेब के रेट में कमी दर्ज की गई है।

पराला मंडी आढ़त एसोसिएशन के प्रधान हरीश ठाकुर ने बताया कि अडानी ने रेट के रेट कम किए हैं। इस वजह से ज्यादातर बागवानों ने मंडियों का रूख किया है। इससे मंडियों में सेब की आमद बढ़ी है और सेब के रेट में कमी दर्ज की गई है। तीन-चार दिन पहले तक उन्नत किस्म का सेब 2300-2400 रुपए तक बिक रहा था। अब अधिकतम 1900 रुपए प्रति पेटी बिक पा रहा है।

सेब उत्पादक संघ ठियोग के अध्यक्ष महेंद्र वर्मा ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि जब अडानी ने खुद ही रेट तय करने थे तो सरकार ने हाई पावर कमेटी क्यों गठित की। जब ओपन मार्केट में प्रीमियम सेब 100 से लेकर 130 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा था तो अदानी ने एक्स्ट्रा स्मॉल सेब के रेट कम क्यों किए। साजिश के तहत बाजार भाव गिराया गया है।

About admin

Check Also

प्रदेश सरकार ने इस वर्ष से यूनिवर्सल कार्टन को शुरू किया है। इससे जहां बागवानों को लाभ मिल रहा है, वहीं सेब आढ़तियों को भी इसका फायदा पहुंच रहा है। पहले जहां एक पेटी में 28 से 32 किलोग्राम सेब जाता था, वहीं अब यूनिवर्सल कार्टन के चलते प्रति पेटी 22 से 24 किलोग्राम सेब बिक रहा है। खाली पड़ी जगहों में भी सेब की नई पौध लगाई जा रही है। जिले में हर वर्ष बागवान अपनी आर्थिकी को मजबूत कर रहे हैं। इस वर्ष भी जिले में सेब से बागवानों को करीब आठ करोड़ की कमाई हुई है।

हिमाचल प्रदेश : किन्नौर में सबसे ज्यादा पैदा सेब, देश की मंडियों में पहुंचा 45 लाख पेंटी सेब

हिमाचल प्रदेश का सेब देशभर में अपनी साख बनाए हुए है। इस बार प्रदेश में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *