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तमिलनाडु : गन्ना पेराई जल्दी शुरू करने की मांग, कर्नाटक में 10 साल से बंद चीनी मिल चलेगी

सुब्रमण्यम शिवा कोआपरेटिव शुगर मिल्स (sscs)से जुड़े गन्ना किसानों ने राज्य सरकार से धर्मपुरी जिले में श्रमिकों की बढ़ती कमी के कारण सामान्य से पहले पेराई प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है। जिले की दो सरकारी मिलों में से एक है। इस मिल से कुल 40,350 किसान जुड़े हैं और अब तक 10,500 एकड़ से अधिक गन्ने का पंजीकरण कराया है। हालांकि, जिले में श्रमिकों की भारी कमी है, जिससे कटाई और रोपण के लिए श्रम लागत बेहद महंगी हो रही है। इसलिए किसानों ने राज्य सरकार से नवंबर की शुरुआत तक पेराई शुरू करने का आग्रह किया है।

इस मामले पर टिप्पणी करते हुए, ऑल शुगरकेन कल्टीवेटर्स एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष एसके अन्नादुरई ने कहा, आमतौर पर SSCS मिल में पेराई दिसंबर के अंत में शुरू होती है। इस अवधि के दौरान कुशल मजदूरों की ज्यादा मांग होती है। एक एकड़ गन्ना काटने के लिए, किसानों को लगभग 12,000 रुपये खर्च करना पड़ता है। जब रोपण, जुताई और कीटनाशकों सहित कुल लागत लगभग 30,000 रुपये प्रति एकड़ तक जाती है। किसानों द्वारा अर्जित लाभ का 30% मजदूरों पर खर्च होता है। अन्नादुरई ने गन्ने की कीमत बढ़ाकर 4,000 रुपये प्रति टन करने की भी मांग की।

दूसरी ओर कर्नाटक राज्य सरकार की मदद के चलते श्रीराम सहकारी चीनी मिल सितंबर के पहले सप्ताह में अपना परिचालन फिर से शुरू कर देगी। श्रीराम चीनी मिल ने दस साल पहले अपना परिचालन बंद कर दिया था। इसे लीज पर देकर मिल को फिर से शुरू करने की पूरी कोशिश की गई, लेकिन मिल को लीज पर लेने के लिए कोई आगे नहीं आया। विधायक एस.आर. महेश ने अपना प्रयास जारी रखा और राज्य सरकार पर मिल को फिर से खोलने के लिए फिर से निविदाएं आमंत्रित करने का दबाव डाला। राज्य सरकार ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और पुन: निविदा प्रक्रिया में, निरानी शुगर्स, मिल को फिर से शुरू करने के लिए आगे आई।

प्रबंधन ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है और खराब पड़ी मशीनों की पहचान और मरम्मत की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मिल का टर्बाइन मरम्मत के लिए हैदराबाद भेज दिया गया है और मरम्मत की गई टरबाइन को 3-4 दिनों में वापस भेजे जाने की संभावना है। टरबाइन लगाने और बॉयलर की मरम्मत का काम पूरा होने के बाद मिल गन्ने की पेराई के लिए तैयार हो जाएगी। मिल की पेराई क्षमता को वर्तमान 2,000 टन प्रतिदिन से बढ़ाकर 2,500 टन करने की योजना है। गन्ने की उपलब्धता की बात की जाए तो, के.आर.नगर, पेरियापटना, हुनसुर और एच.डी. कोटे में लगभग 4,000 से 5,000 एकड़ भूमि में गन्ना उगाया जा रहा है।

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