किसान आंदोलन के दौरान उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गाड़ियों के नीचे कुचल कर मारे गए लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए किसान एक बार फिर से मोर्चा खोलने जा रहे हैं। यह मोर्चा केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और केंद्रीय मंत्री आशीष मिश्रा टेनी के खिलाफ किसान खोलने जा रहे हैं। इस मोर्चे की शुरुआत करने के लिए 17 अगस्त को पंजाब से 10 हजार किसानों के जत्था उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होंगे।
लखीमपुर खीरी के लिए रवाना होने वाला किसानों का जत्था अलग-अलग माध्यम ट्रेन, निजी वाहनों से लखीमपुर खीरी के लिए जाएगा। किरती किसान यूनियन से जुड़े किसान ट्रेन के माध्यम से उत्तर प्रदेश जाएंगे। वहीं पर दोआबा और माझा के किसान ट्रेनों के साथ-साथ अपने निजी वाहनों से रवाना होंगे। किसानों के धरने के लिए राशन की रसद पहुंचाने के लिए ट्र्कों की व्यवस्था की गई है।
पिछले दिनों फगवाड़ा में हुई पंजाब की 31 जत्थेबंदियों की मीटिंग में 10 हजार किसानों के जत्थे को उत्तर प्रदेश में भेजने का फैसला हुआ था, लेकिन मीटिंग में जत्थे को भेजने की तारीख तय नहीं हो पाई थी। अब जत्थे को रवाना करने की तारीख भी तय हो गई है।
भारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रधान मनजीत सिंह राय ने बताया कि पंजाब से जाने वाला किसानों का जत्था 18 अगस्त से लेकर 20 अगस्त तक लखीमपुर खीरी में धरना लगाएगा। उन्होंने कहा कि किसान मांग करेंगे कि किसानों की मौत के लिए केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा टेनी को सख्त से सख्त सजा दी जाए। अजय मिश्रा को पद से हटाकर उन्हें भी दंडित किया जाए।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की जाएगी कि आंदोलन के दौरान जो किसानों के खिलाफ झूठे केस दर्ज किए गए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने कई किसानों के खिलाफ झूठे ही मुकदमे दर्ज कर दिए थे। किसान यूनियन ने लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों के फोटो लगाकर पोस्टर भी जारी किया है। जिसे सोशल मीडिया पर वायरल भी किया जा रहा है।