100 तटीय मछुआरा गांवों (सीएफवी) को जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांव (सीआरसीएफवी) के रूप में विकसित किया जाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से जीवंत मछुआरा गांव बनाया जाएगा।
संसद के सदन में उठाए गए एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए आज,मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने राज्यसभा में कहा कि मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने तटीय समुदायों के विकास के महत्व को समझते हुए, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत एक परिवर्तनकारी पहल की है।
जिसके तहत आंध्र प्रदेश सहित सभी तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में समुद्र तट के करीब स्थित मौजूदा 100 तटीय मछुआरा गांवों (सीएफवी) को जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांव (सीआरसीएफवी) के रूप में विकसित किया जाएगा और उन्हें आर्थिक रूप से जीवंत मछुआरा गांव बनाया जाएगा।
पीएमएमएसवाई के तहत 100 फीसदी केंद्रीय वित्त पोषण के साथ जलवायु अनुकूल तटीय मछुआरा गांवों (सीआरसीएफवी) के विकास के लिए प्रत्येक गांव के लिए दो करोड़ रुपये की इकाई लागत के साथ 200 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है और काकीनाडा जिले के एक गांव सहित कुल 15 तटीय गांवों को 30 करोड़ रुपये की कुल लागत से सीआरसीएफवी के रूप में विकसित करने की मंजूरी दी गई है, इस उद्देश्य के लिए आंध्र प्रदेश सरकार को 7.50 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि की पहली किस्त जारी की गई है।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) ने अपने सब्जी बीज उत्पादन और वितरण कार्यक्रम की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान, बीबीएसएसएल ने ‘भारत बीज’ ब्रांड नाम से लगभग 1,500 क्विंटल सब्जी बीजों का उत्पादन और विपणन करने की योजना बनाई है, जिसका अनुमानित मूल्य 16 करोड़ रुपये है।