जशपुर जिले की नाशपाती का स्वाद देश की राजधानी दिल्ली को पसंद आ रहा है। दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश, झारखंड, हरियाणा समेत देश के विभिन्न राज्यों में जशपुर की नाशपाती की मांग तेजी से सामने आ रही है। प्राकृतिक सुंदरता और आदिवासी संस्कृति के लिए देशभर में प्रसिद्ध जशपुर के दूरस्थ अंचलों के किसान अपने खेतों में साग-सब्जी के अलावा नवीन पद्धति से चाय, काजू, टमाटर, मिर्च, आलू की भी अच्छी खेती कर रहे हैं।
जशपुर के बगीचा विकास खंड के पठारी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नाशपाती की खेती हो रही है। खेती से अंचल के किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है। जशपुर में लगभग 750.00 हेक्टेयर में 660 मीट्रिक टन नाशपाती का उत्पादन हो रहा है। जिससे 17 सौ से भी अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उनके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन आ रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संकल्पना के आधार पर छत्तीसगढ़ में खेती, बागवानी एवं वानिकी से जुड़े क्षेत्रों में उत्पादन की आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने और किसानों को प्रोत्साहित करने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी के तहत गांवों में साग-सब्जियों एवं स्थानीय जलवायु के आधार पर फल के उत्पादन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
गांव, ग्रामीणों और किसानों की आर्थिक स्थिति एवं जीवन स्तर में बदलाव लाने के उद्देश्य से ऐसी योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिनसे लोगों की जेबें भर रही हैं।