हरियाणा-सरकार में कृषि विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि सरकार द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ाने के लिए विशेष अनुदान योजना लागू की गई है| ड्रैगन फ्रूट की बाजार में काफी मांग है| जिससे किसान इस फल की खेती करके अच्छा मुनाफा ले सकते हैं. इसके बाग के लिए 1,20,000 रुपये प्रति एकड़ के अनुदान का प्रावधान है. एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक के बाग पर आर्थिक मदद ले सकता है|
इसमें पौधारोपण के लिए 50,000 रुपये एवं ट्रैलिसिंग सिस्टम (जाल प्रणाली) के लिए 70,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से मिलेंगे. पौधारोपण के लिए 50,000 रुपये का अनुदान तीन किस्तों में मिलेगा. पहले साल 30,000 रुपये, दूसरे वर्ष 10,000 रुपये और तीसरे वर्ष 10,000 रुपये दिए जाएंगे| उन्होंने बताया कि किसान अधिक फलों के बाग लगाकर अच्छा मुनाफा ले सकते हैं| बागों की स्थापना से जहां पानी की बचत है वहीं फलों के बाग किसानों की आय में इजाफा करने में सहायक हैं|
इस योजना के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक अनुदान की सुविधा का लाभ ले सकता है| यानी अगर आपके पास हरियाणा में 10 एकड़ खेत है और पूरे में आप ड्रैगन फ्रूट की खेती करने जा रहे हैं तो आपको सरकार 12 लाख रुपये की मदद देगी| यह मदद तभी मिलेगी जब किसान इसके लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करेगा|
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि राज्य में ड्रैगन फ्रूट, खजूर व मशरूम को बढ़ावा देने के लिए बागवानी विभाग की ओर से एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा| यह टीम युवाओं को ड्रैगन, खजूर व मशरूम की खेती के लिए प्रेरित करेगी| इसके साथ-साथ ट्रेनिंग दिलवाने का काम भी करेगी|
वर्तमान में ड्रैगन फ्रूट ज्यादातर कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पैदा किया जाता है| इसकी खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है| इसे विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है| ड्रैगन फ्रूट की तीन मुख्य किस्में हैं-सफेद गूदा वाला, गुलाबी रंग का फल, लाल गूदा वाला, गुलाबी रंग का फल और सफेद गूदा वाला पीले रंग का फल|