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धान-मक्का नहीं, इन खास फूलों की खेती से होगी लाखों की कमाई

शादी या धार्मिंक अनुष्ठानों में सबसे ज्यादा मांग गेंदा के फूल की होती है. पीले रंग का गेंदा खुशबूदार और आकर्षक तो होता ही है| बारिश में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे होते हैं| दुनियाभर में इसकी 50 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं| गेंदा का अमेरिकन मेरीगोल्ड, फ्रेंच मेरीगोल्ड, सिग्नेट मेरीगोल्ड‌ या इंग्लिश मेरीगोल्ड आदि की बाजार में काफी मांग रहती है|

बेहतरीन खुशबू और अपने गुणों के कारण ही गुलाब को फूलों का राजा कहते हैं| भारत के हर छोटे-मोटे कार्यक्रम में गुलाब के फूलों की भर-भरकर मांग होती है| यही कारण है कि बरसात के मौसम में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे होते हैं| खेतों में एक बार अच्छी किस्म के गुलाब लगाने पर ये अगले 7-10 सालों तक मोटी आमदनी देते हैं|

भारत के अगरबत्ती व्यवसायों में मोंगरे का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है| इसके फूलों की खुशबू साइनस जैसी बीमारियों को भी दूर कर देती है| इसकी खेती के लिये गर्मी और बरसात का समय सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि इस दौरान पौधे और फूलों को बढ़ने के लिये अच्छी जलवायु मिल जाती है|

चमेली को आम भाषा में रात रानी के नाम से भी जानते हैं| सफेद, गुलाबी और पीले रंग की वैरायटी वाले ये फूल भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हैं| इनका इस्तेमाल इत्र से लेकर तेल बनाने में भी किया जाता है| इसकी व्यावसायिक खेती के लिये बरसात का मौसम सबसे बेहतर रहता है| इस दौरान चमेली के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फूलों का सबसे अच्छा उत्पादन मिलता है|

गुड़हल एक सदाबहार फूल है जो पूरे साल आकर्षण का केंद्र रहता है| बरसात के मौसम में गुड़हल की व्यावसायिक खेती करने से अच्छी पैदावार मिलती है| इसमें मौजूद औषधीय गुण स्किन और कई बीमारियों के लिये रामबाण का काम करते हैं| इसलिये कई कंपनियां कांट्रेक्ट देकर गुडहल की खेती करवाती हैं|

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