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नये गुड़ की आवक से महकी मुजफ्फरनगर की मंडी, पुराने गुड़ की मांग गजक-रेवड़ी के लिए

एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी में नये गुड़ की आवक शुरू हो गई है। उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के गुड़ को ‘एक जनपद- एक उत्पाद’ की श्रेणी में रखा गया है|

जिले में गुड़ का उत्पादन एक अक्तूबर से प्रारंभ हो गया। मुजफ्फरनगर में एशिया की सबसे बड़ी गुड़ मंडी है और पूरे देश में गुड़ की सप्लाई यहीं से होती है। जिले में लगभग तीन हजार कोल्हू हैं, जिन पर गुड़ बनता है। यह इस जिले का सबसे बड़ा ग्रामीण उद्योग है। लगभग पांच हजार लोग इस उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से जुड़े हुए है।

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद मंडल के सम्भल, अमरोहा, कांठ, चांदपुर, स्योहारा, नगीना, नजीबाबाद, नूरपुर, धनौरा मण्डी के अलावा हापुड़ जनपद भी गुड़ के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है|

गुड़ खांडसारी एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय मित्तल का कहना है कि मंडी में गुड़ के सत्र का शुभारंभ हो गया है। अभी कम चार-पांच कोल्हू ही चले हैं, इसलिए आवक कम है, लेकिन 15 अक्तूबर तक गुड़ की आवक बढ़ जाएगी।

भंडार गृहों से पुराना गुड़ तेजी के साथ निकल रहा है। रेवड़ी और गजक का सीजन भी अब शुरू हो चुका है, ऐसे में पुराने गुड़ की खपत उसमें होने के चलते मांग बढ़ गई है। पुराना गुड़ भी इस समय 3500 रुपये क्विंटल बिक रहा है। अब गोदामों में बहुत कम पुराना गुड़ बचा है|

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