गुजरात में विधान सभा चुनाव की तैयारी चल रही है | सूबे का किसान पयाज की बंपर फसल को देखकर खुश था | मंडी में लागत से भी कम दाम सुनकर किसानो की आंखो मे आंसू हैं| किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे हैं|
सूबे में विधान सभा चुनाव को देखते हुए राज्य की बीजेपी सरकार ने किसानों को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है। जिन किसानों ने इस साल 1 अप्रैल से किसी भी कृषि उत्पाद बाजार समिति को प्याज बेचा है, उन्हें अब राज्य सरकार की ओर से प्रति किलो प्याज पर 2 रुपए की सहायता मिलेगी। कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने सोमवार को कहा कि किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 130 करोड़ रुपये का विशेष प्रावधान किया गया है।
जिन किसानों ने इस साल 1 अप्रैल से किसी भी एपीएमसी को प्याज बेचा है, उन्हें अब राज्य सरकार की ओर से प्रति किलोग्राम फसल के लिए 2 रुपये की सहायता मिलेगी। इस बारे में कृषि मंत्री राघवजी पटेल ने कहा कि प्याज किसानों ने प्याज की कम बिक्री कीमतों के कारण हुए नुकसान के बारे में सरकार को आवेदन दिया था। सरकार ने आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। एक किसान को अधिकतम 25,000 किलोग्राम की सहायता मिल सकती है। दूसरे शब्दों में यह प्रति किसान 50,000 रुपये की सहायता है। इसके लिए सरकार ने अनुमानित 130 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
चालू वर्ष के दौरान अकेले सौराष्ट्र क्षेत्र में 88,000 हेक्टेयर में प्याज की खेती हुई है। पटेल ने कहा कि सरकार ने 6.83 लाख किसानों से 6 मई तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 4.59 लाख मीट्रिक टन चना खरीदा है। राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित खरीद 5.36 लाख मीट्रिक टन के अतिरिक्त होगी जो केंद्र सरकार सरकार एमएसपी पर खरीद रही है।
गुजरात देश का चौथा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक प्रदेश है
यहां देश का 8.21 फीसदी प्याज का उत्पादन होता है| प्याज की खेती करने वाले किसानों के हालात को मंडी भाव से समझ सकते हैं| आज वहां के किसान औसतन 1 से 4 रुपये प्रति किलो के रेट पर प्याज बेचने के लिए मजबूर हैं| जबकि नेशनल हॉर्टिकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन 2014 में ही बताया था कि गुजरात में प्याज की प्रति किलो उत्पादन लागत करीब सात रुपये आती है|