पानी और बिजली की बचत करने के लिए हरियाणा सरकार ने कमर कस ली है| इसके लिए पारंपरिक ट्यूबवेलों की जगह सोलर पंपसेट और सिंचाई की पुराने पैटर्न की जगह लघु सिचाई पर फोकस किया जा रहा है|
राज्य सरकार ने 50 हजार सोलर पंपसेट लगाने का लक्ष्य रखा है| मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने चंडीगढ़ में किसानों को सोलर पंप देते हुए इस बारे में पूरी जानकारी दी| उन्होंने बताया कि इस वर्ष 13,800 पंपसेट लगाने का काम प्रगति पर है| प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा उत्थान महाभियान यानी पीएम-कुसुम योजना के तहत आप भी सिंचाई के लिए 75 फीसदी की छूट पर सोलर पंप ले सकते हैं|
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कृषि योग्य लगभग 80 लाख एकड़ भूमि है| इसमें से 75 प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई हो पाती है| शेष भूमि पर सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर रहना पड़ता है| उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में हर वर्ष किसानों को लगभग 6500 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा रही है|
सौर ऊर्जा को अपनाने से सब्सिडी का भार भी कम होगा और पानी की बचत होगी| इससे किसानों का डीजल बचेगा और आय में भी वृद्धि होगी| किसान भाई-बहन सब्सिडी पर सोलर पंप लगवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं|