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पराली से आबोहवा बचाने के लिए 5 साल में रिलायंस लगायेगा 100 संयंत्र
पराली से आबोहवा बचाने के लिए 5 साल में रिलायंस लगायेगा 100 संयंत्र

पराली से आबोहवा बचाने के लिए 5 साल में रिलायंस लगायेगा 100 संयंत्र

पराली से फैलने वाले स्मॉग के कारण पूरे उत्तर भारत के गांव और शहरों में लोगों को सांस ले पाना भी कठिन हो जाता है। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारें भी पराली के निस्तारण के लिए कई तरह की योजनाएं संचालित कर रही हैं। रिलायंस पराली से ईंधन बनाने वाला भारत का सबसे बड़ा निर्माता बन गया है। यह अगले पांच सालों में देश में 100 से ऐसे प्लांट लगाएगा जिनसे 20 लाख टन कार्बन का उत्सर्जन कम हो सकेगा।

भारत में पराली समस्या के समाधान की दिशा में रिलायंस ने अब तक जो काम किया है वह काफी सराहनीय है। यह उद्योग समूह पराली से ईंधन बनाने वाला देश का पहला उत्पादक भी बन गया है। रिलायंस कंपनी ने उत्तरप्रदेश के बारांबंकी में पहला कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित किया है। वहीं आगामी 5 वर्षों में रिलायंस 100 और संयंत्र देश के विभिन्न शहरों में स्थापित करेगा। इन प्लांट्स का यह फायदा होगा कि इससे 55 लाख टन एग्रीकल्चर अवशेष और जैविक कचरा कम हो जाएगा। वहीं लगभग 25 लाख टन जैविक खाद भी तैयार किया जा सकेगा।

देश के प्रमुख उद्योग समूह रिलायंस ने पराली समाधान के लिए उत्तरप्रदेश के बारांबंकी में पहला कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित किया है। यह स्वदेशी स्तर पर रिलायंस द्वारा विकसित की गई नई तकनीक है। इस तकनीक का विकास रिलायंस की जामनगर स्थित विश्व की सबसे बड़ी रिफायनरी में किया गया था। यह जानकारी कंपनी चेयरमेन मुकेश अंबानी ने रिलायंस की 46 वीं वार्षिक आमसभा में दी। एक साल पहले रिलायंस पराली से ईंधन बनाने वाला देश का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है।

रिलायंस जहां एक ओर पराली से ईंधन बनाने के लिए देश भर में 100 से ज्यादा प्लांट लगाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है वहीं यह ग्रुप पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। कंपनी का दावा है कि वह 2030 तक 100 गीगावॉट ऊर्जा का उत्पादन करेगा। इसके लिए पवन चक्कियों के ब्लैड निर्माण के लिए बड़े स्तर पर फाइबर का उत्पादन भी किया जाएगा। इसके लिए रिलायंस अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों से संपर्क कर रही है।

देश के प्रमुख उद्योग समूह रिलायंस ने पराली समाधान के लिए उत्तरप्रदेश के बारांबंकी में पहला कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट स्थापित किया है। यह स्वदेशी स्तर पर रिलायंस द्वारा विकसित की गई नई तकनीक है। इस तकनीक का विकास रिलायंस की जामनगर स्थित विश्व की सबसे बड़ी रिफायनरी में किया गया था। यह जानकारी कंपनी चेयरमेन मुकेश अंबानी ने रिलायंस की 46 वीं वार्षिक आमसभा में दी। एक साल पहले रिलायंस पराली से ईंधन बनाने वाला देश का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है।

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