बिहार में चुनावी साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत पर राजनीति गरमा गई है। बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है। विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष नीतीश की सेहत को लेकर लगातार सवाल खड़ा कर रहा है। वहीं चुनावी साल में नीतीश कुमार के बदलते व्यवहार से बीजेपी भी चिंतित नजर आ रही है। दरअसल, बीजेपी नीतीश के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, लेकिन उनकी सेहत को लेकर नेता परेशान भी है।
राज्य विधानसभा के दोनों सदनों में विपक्ष ने राष्ट्रगान का अपमान करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की। वहीं कांग्रेस और राजद आगामी विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाएंगी। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सेहत ठीक नहीं है।
हाल ही में पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में आयोजित सेपक टाकरा वर्ल्ड कप 2025 के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान की घोषणा होने पर अचानक मंच से उतर गए। उन्होंने खिलाड़ियों से बातचीत की। वहीं जब राष्ट्रगान बजा तो वे मुस्कुराते हुए अपने प्रधान सचिव से बात करने की कोशिश करते रहे और मीडियाकर्मियों को नमस्ते करने लगे। इसके बाद नीतीश कुमार की सेहत को लेकर विपक्ष ने सवाल करने शुरू कर दिए।
पिछले दो वर्षों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के व्यवहार और बयानों की चर्चा हर तरफ है। इसके आधार पर ही राजद नेता तेजस्वी यादव और जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर लगातार नीतीश कुमार की सेहत को लेकर टिप्पणी कर रहे हैं। दोनों नेता कहते है कि नीतीश कुमार अब सीएम पद पर बने रहने योग्य नहीं रह गए।
यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश के व्यवहार में बदलाव देखा गया है। इससे पहले भी नीतीश के व्यवहार में बदलाव देखा गया था। बता दें कि 15 अक्टूबर 2024 को गांधी मैदान में रावण वध के मौके पर रावण पर चलाने के लिए दिए तीर-धनुष को नीतीश ने फेंक दिया था। वहीं प्रगति यात्रा के दौरान उन्होंने महिलाओं पर टिप्पणी की थी, उनकी यह टिप्पणी सुर्खियां बनती रहीं हैं।
बिहार में अब नीतीश कुमार का मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग उठी है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख़्तरुल ईमान ने सीएम नीतीश कुमार का मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब नीतीश कुमार का व्यवहार बदला है। हमें उनसे सहानुभूति है लेकिन राज्य हित में मेडिकल रिपोर्ट जारी होनी चाहिए।