नकली बीज बनाने और बेचने वालों के खिलाफ हरियाणा सरकार सख्त कानून लाने जा रही है। अब ये अपराध गैरजमानती के श्रेणी में आएंगे। बीज (हरियाणा राज्य संशोधन) अधिनियम, 2024 के तहत बीज निर्माता कंपनी दोषी पाई गई तो कारोबार के संचालन के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को दो साल तक कैद और तीन लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान होगा। यदि कंपनी दोबारा दोषी पाई जाती है तो तीन साल तक सजा सुनाई जा सकेगी और पांच लाख तक जुर्माना लगेगा।
तय किया गया है कि डीलर या कारोबारी दोषी पाया जाता है तो एक साल तक सजा और 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान होगा। दोबारा पकड़े जाने पर दो साल तक कैद और दो लाख रुपये तक जुर्माने की सजा सुनाई जा सकेगी। हरियाणा सरकार ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। सरकार की कोशिश है कि आगामी बजट सत्र में इसे पेश किया जा सके।
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से नकली और मिलावटी बीज का उत्पादन, भंडारण और बिक्री बढ़ी है। बीज निरीक्षकों ने अपनी कई जांचों में पाया है कि कई बीज उत्पादक, डीलर और विक्रेता मूल बीजों को खराब या निम्न गुणवत्ता वाले बीजों के साथ मिलाकर बेचते हैं।
किसानों को ऐसे बीज बेचे जा रहे हैं, जो कृषि उपज की उत्पादकता में सुधार के लिए कोई परिणाम नहीं देते हैं। इसके परिणामस्वरूप फसल उत्पादन की लागत में वृद्धि और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान होता है। पिछले कई सालों से किसान संगठन मांग भी कर रहे थे कि नकली बीच बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। मगर मौजूदा कानूनों में सख्त कानूनों का प्रावधान ही नहीं था। इससे इस तरह के अपराध में शामिल आरोपी आसानी से बच निकलते थे।
हरियाणा सरकार ने अपने ड्राफ्ट में जो प्रावधान किया है, उनमें पहली बार दोषी पाए जाने पर बीज कंपनी निर्माता की सजा एक साल से कम नहीं होगी और जुर्माना भी एक लाख से नीचे नहीं लगाया जाएगा। दोबारा पकड़े जाने की स्थिति में न्यूनतम दो साल की सजा और जुर्माना तीन लाख रुपये से कम नहीं लगाया जाएगा। वहीं, डीलर व कारोबारी के मामले में न्यूनतम छह महीने की कैद व जुर्माना पचास हजार रुपये से कम नहीं होगा। दोबारा अपराध में संलिप्त पाए गए तो न्यूनतम एक वर्ष का कारावास और जुर्माना एक लाख रुपये से कम नहीं होगा।