प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती से तैयार मक्का को खरीदने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है। इसके लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने तैयारियां कर ली हैं। खरीद 25 विक्रय केंद्रों पर होगी। पहले चरण में सरकार किसानों पांच सौ आठ मीट्रिक टन मक्की खरीदेगी। इसके लिए प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणित किसान चयनित किए गए हैं। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत किसानों से पहली बार सरकार मक्की खरीदेगी। इसके बाद इसका आटा तैयार कर एक और पांच किलो की पैकिंग में लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।
एक जानकारी अनुसार इस वर्ष प्राकृतिक खेती से लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा बाकी 10 जिलों में 13.304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है। इसमें से 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की सरकार किसानों से खरीदेगी। इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है। जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं।
हिमाचल प्रदेश में पंजाब की तर्ज पर मक्का को मक्की बोलते हैं। अभी आटे के दाम तय नहीं किए गए हैं। कृषि विभाग का प्राकृतिक खेती विंग खाद्य आपूर्ति विभाग के जरिए इन्हीं के स्टोरों में किसानों से इसकी खरीद करेगा, वहीं इसके बाद खरीदी गई मक्की से तैयार आटे को बेचा जाएगा। विभाग की ओर से डिपुओं में भी इस आटे को बेचने की योजना है, लेकिन अभी इसके लिए सब्सिडी निर्धारित नहीं हुई है। बाजार में आम तौर पर मक्की को 18 से 20 रुपये प्रतिकिलो तक दाम मिलते हैं, लेकिन सरकार किसानों से 30 रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से मक्की खरीदेगी। देश में मक्की पर दिया जाने वाला यह सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य है। प्रति किसान से अधिकतम 20 क्विंटल मक्की खरीदी जाएगी।
प्राकृतिक विधि से मक्की की खेती करने वाले किसान राज्य सरकार द्वारा मक्की का समर्थन मूल्य घोषित किए जाने से गदगद हैं। किसानों ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा मक्की की सरकारी स्तर पर खरीद करना और 30 रुपये प्रति किलो समर्थन मूल्य घोषित करना सराहनीय निर्णय है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाली मक्की की फसल के किसानों को उचित दाम सुनिश्चित होंगे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य की अधिकांश जनता गांवों में रहती है। हमारा लक्ष्य इन गांवों को सक्षम और समृद्ध बनाना है। हम अपने बजट के माध्यम से दूध, गेहूं और मक्का फसल पर MSP लागू करके आम जनता की तरक्की सुनिश्चित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को अधिक कीमत भी दिए जाने का ऐलान किया गया है।