दस सीटों पर राज्य विधानसभा उप चुनाव की तारीखें अभी तय नहीं लेकिन सभी दलों की कवायद तेज। इस बार उप चुनाव न लड़ने वाली बहुजन समाज पार्टी भी मैदान में उतरेगी। वोटरों की निगाह सपा और कांग्रेस पर हैं। लोकसभा चुनाव में इन दोनों दलों की एकजुटता से सत्तारूढ़ भाजपा को सीटों को नुक़सान हुआ।
ख़बर है कि उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी सपा और कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगी। इसी कड़ी में शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों की सपा के साथ टिकट बंटवारे पर चर्चा की। संगठन के पदाधिकारियों ने उपचुनाव में 5 सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उपचुनाव में सपा कांग्रेस को 2 सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं है।
मिली जानकारी अनुसार इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी अविनाश पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ और कांग्रेस के बनाए गए सभी नए राष्ट्रीय सचिव मौजूद रहे। इसमें संगठन के भावी कार्यक्रमों, उपचुनाव के मुद्दों और सपा के साथ तालमेल के विषय पर चर्चा हुई।
जानकारों का कहना है कि प्रदेश के पदाधिकारियों ने उपचुनाव में पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा। ये प्रस्ताव संगठन में विभिन्न स्तरों पर हुई बैठकों में सामने आई मांग के आधार पर रखा गया। सीटों के बंटवारे के मामले में सपा के साथ बातचीत कांग्रेस हाईकमान के स्तर से होने की संभावना है। हालांकि, पार्टी को पहले ही यह संकेत मिल चुका है कि सपा गठबंधन बनाए रखने के पक्ष में तो है लेकिन वह उपचुनाव में दो से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं है।