आपने रास्ते में कई एंबुलेंस देखी होगी। लेकिन आपको बता दें कि अब इंसानों के अलावा मार्केट में ट्री एंबुलेंस भी आ गई है। जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि ये एंबुलेंस बीमार पेड़ों के लिए बनाई गई है। आइए जानते हैं इस एंबुलेंस की क्या खासियत है।नई दिल्ली नगर पालिका परिषद द्वारा ‘ट्री एंबुलेंस’ के माध्यम से पेड़ों को मरने से बचाने का प्रयास किया जा रहा है। ट्री एंबुलेंस के माध्यम से फंगस और कीटों से ग्रसित पेड़ों का उपचार किया जा रहा है। नगर पालिका परिषद द्वारा यह सेवा दिल्ली क्षेत्र में दी जा रही है। नगर पालिका परिषद की यह ट्री एंबुलेंस नई तकनीक और सभी जरूरी उपकरणों से लैस है।
मिली जानकारी के अनुसार इस एंबुलेंस में जेटिंग पंप और हाई प्रेशर पंप भी लगाए गए हैं। इसके अलावा इस एंबुलेंस पर कीटनाशक, फफूंदनाशक और फफूंदनाशक से पेड़ों को बचाने की व्यवस्था की गई है। लुटियन दिल्ली हरियाली से भरपूर क्षेत्रों में शामिल है। इस इलाके में करीब 1,80,000 पेड़ हैं। इनमें से कई पेड़ लंबे समय तक रहने के कारण तने से खोखले हो चुके हैं।
पेड़ों को बीमारियों और कीटों से बचाने के लिए खोखले तनों के अंदर कंक्रीट और लोहे की छड़ें भरकर उपचार किया जा रहा है। खराब पेड़ों पर सर्जरी करते समय पेड़ के खराब हिस्से को हटाकर साफ किया जाता है। इसके बाद उस हिस्से को कीटनाशक या फफूंदनाशक लगाकर भर दिया जाता है। पेड़ के प्रभावित हिस्से पर पतली लोहे की जाली लगाई जाती है और बारिश से बचाने के लिए पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) का इस्तेमाल किया जाता है।
नयी दिल्ली में संपन्न कामनवेल्थ गेम्स की तैयारियां शुरू होने के साथ सड़क किनारे की हरियाली और पुराने पेड़ों की देखभाल और सजावट पर खास ध्यान दिया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के निर्देश पर बड़े पेड़ों की जड़ के चारों तरफ तीन-तीन फिट की स्थाई क्यारियां बनाकर उनमें खाद देकर सजावटी व फूलदार पौधे लगाए गए थे। यह व्यवस्था पेड़ों की अच्छी सेहत बनाये रखने के लिए की गई और इसके लाभ भी नज़र आये।