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उत्तर प्रदेश के उप चुनाव भाजपा और गठबंधन , दोनों की प्रतिष्ठा का सवाल

उत्तर प्रदेश के उप चुनाव भाजपा और गठबंधन , दोनों की प्रतिष्ठा का सवाल

लोकसभा चुनाव के नतीजों के कारण उत्तर प्रदेश में दस विधायक अब लोकसभा सदस्य की शपथ ले चुके हैं। विधानसभा की खाली हुई जगहों पर उप चुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश में जहां भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की साख दांव पर है वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और इंडिया गठबंधन को फिर भाजपा को चुनौती देने का सवाल है। दोनों ही पक्ष उप चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं।

उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का लगभग आधा कार्यकाल गुज़र गया है। भी विधायक चुने जाएंगे वह महज विधान सभा के आधे कार्यकाल में ही अपना योगदान दे पाएंगे। लेकिन असल चुनौती पीडीए गठबंधन और एनडीए की साख का है।

उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा के राज्य में अगले कुछ महीनों के भीतर 10 विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इसमें से 9 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जो बीजेपी और समाजवादी पार्टी के विधायकों के सांसद बनने की वजह से खाली हुई हैं। एक विधानसभा सीट सीसामऊ इस वजह से खाली हुई है क्योंकि इस सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी को आगजनी के एक मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई है और अब उनकी विधानसभा की सदस्यता जाने वाली है।

गौरतलब है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा दे चुके हैं। वह इस चुनाव में कन्नौज से लोकसभा के सांसद चुने गए हैं। मिल्कीपुर सीट से सपा विधायक अवधेश प्रसाद फैजाबाद (अयोध्या) संसदीय सीट से चुने गए हैं। वह भी अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे चुके हैं।

यह उपचुनाव उत्तर प्रदेश में सरकार चला रहे एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों के लिए ही अहम है। लोकसभा चुनाव के नतीजे बीजेपी के लिए खराब रहे हैं जबकि सपा और कांग्रेस ने इन चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है।

भारतीय जनता पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश में आशा के अनुरूप चुनाव परिणाम न आने से उप चुनाव में जहां खोयी हुई प्रतिष्ठा को हासिल करना है वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस सहित गठबंधन की पार्टियों के लिए भाजपा को उसी के दावेदारी वाले सूबे में एक बार फिर अपनी बढ़त को हासिल करना है।करहल में सबसे बड़ा चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा। अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी के उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को 67000 वोटों के अंतर से हराया था। बघेल आगरा की लोकसभा सीट से दोबारा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं। उन्हें फिर से भारत सरकार में मंत्री बनाया गया है। माना जा रहा है कि इससे बघेल करहल सीट पर बीजेपी को जीत दिलाने के लिए और ताकत लगाएंगे। दूसरा जोरदार मुकाबला मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के उम्मीदवार बाबा गोरखनाथ को 13000 वोटों से हराया था। अवधेश प्रसाद पासी (दलित) समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

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