अलग-अलग कारणों से बिहार में बीते दो महीने में करीब छह ढाई लाख मजदूरों के मनरेगा जाॅब कार्ड कैंसिल कर दिये गये हैं। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना यानी मनरेगा के तहत कम से कम सौ दिन सौ दिन मजदूरों को रोजगार गारंटी कानून है।
मिली जानकारी अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में 21 लाख 13 हजार 194 जॉब कार्ड डिलीट किये गये थे। तब इस पर कई सवाल उठे थे। तकनीकी कारणों से जरूरतमंद ग्रामीणों का भी जॉब कार्ड डिलीट कर देने का आरोप लगा था। इस वजह से उनको काफी परेशानी हुई। एक बार जॉब कार्ड डिलीट हो जाने के बाद दोबारा इसे बनवाना सामान्य ग्रामीणों के लिए आसान नहीं होता।
मनरेगा जाॅब कार्ड के साथ यह भी प्रावधान है कि विभाग की ओर से यह भी बताया गया जिनका निधन हो गया है, उनका भी जॉब कार्ड डिलीट किया गया है मनरेगा के स्टेट कार्यक्रम पदाधिकारी (एसपीओ) अनीश रंजन ने बताया कि जरूरी अहर्ता पूरी करने और कागजात देने के बाद डिलीट जॉब कार्ड पर फिर से विचार होता है।
बिहार में जिन मजदूरों ने अपना आधार कार्ड नहीं उपलब्ध कराया है उनका मनरेगा जाॅब कार्ड भी कैंसिल कर दिया गया है। नये वित्तीय वर्ष का अभी दो माह पांच दिन ही बीता है। लेकिन, इस दौरान बिहार में दो लाख 57 हजार 250 जॉब कार्ड डिलीट किये गये हैं। विभाग की ओर से इसके पीछे की वजह भी बतायी गयी है। विभाग का कहना है कि बहुत सारे लोग काम नहीं करना चाहते थे और जॉब कार्ड बनवा लिये थे। आधार कार्ड नहीं देने वालों का भी जॉब कार्ड डिलीट हुआ है। कई जगहों पर एक ही व्यक्ति के दो-दो जॉब कार्ड बन गये थे। बड़ी संख्या में जॉब कार्डधारी रोजगार के लिए कहीं और पलायन कर गये हैं। ऐसे लाभुकों का भी जॉब कार्ड डिलीट किया गया है।
बिहार में मनरेगा जाॅब कार्ड कैंसिल होने के सिलसिले में यह जानकारी भी मिली है कि पूर्णिया जिले में सबसे ज्यादा 31हजार 551 कार्ड कैंसिल किये गये हैं। इ
पटना जिले में 28377,औरंगाबाद 28209,अररिया 24741
समस्तीपुर 24388,गया 23966
रोहतास 21260,नालंदा 13195,,बेगूसराय 1052,
,जमुई 10475 सहित अन्य जिले हैं।