हिमाचल प्रदेश के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड है। अब हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर से उत्तराखंड एक लाख क्विंटल गन्ना खरीदेगा। उत्तराखंड राज्य की डोईवाला शुगर मिल के लिए पांवटा साहिब से गन्ना खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए हरिपुर टोहाना और अमरगढ़ में दो केंद्र स्थापित किए गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में सिरमौर की पांवटा दून वैली में 800 हेक्टेयर रकबे पर गन्ने का उत्पादन किया जा रहा है। इससे इलाके के एक हजार से ज्यादा किसान जुड़े हैं, जिनकी आमदनी का ये मुख्य साधन है। अब गन्ना तैयार होने के बाद उत्पादकों ने इसकी बिक्री शुरू कर दी है। उत्तराखंड के अलावा पांवटा साहिब क्षेत्र में जगह-जगह स्थापित केन क्रेशर में गन्ने की खूब मांग रहती है।
स्थानीय गन्ना उत्पादक केन क्रेशर को चरखारी कहते हैं। कई किसान चरखियों पर भी गन्ने को बेचते आ रहे हैं, जहां गुड़ व शक्कर तैयार होगी। हिमाचल प्रदेश का यह इलाका गुड़ और शक्कर के लिए जाना जाता है।
उत्तराखंड की डोईवाला चीनी मिल ने इस वर्ष पांवटा साहिब क्षेत्र से एक लाख क्विंटल गन्ना खरीद का लक्ष्य तय किया है। इलाके के किसान तरसेम सिंह सग्गी, हरभजन सिंह, गुरविंदर सिंह, अर्जुन सिंह, सुरजीत सिंह, ओम प्रकाश, शमशेर अली, प्रदीप चौहान, मंजीत सिंह व हरदीप सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष दो खरीद केंद्र (तौल कांटे) पर शुगर मिल डोईवाला ने खरीद की थी। पिछले साल भी तौल कांटों को बढ़ाने की मांग रखी थी। इस बार भी दो खरीद केंद्र बनाए गए हैं।
पांवटा वैली गन्ना शुगर केन उत्पादक सोसायटी बद्रीपुर के सचिव नेक राम और शाकुंभरी सोसायटी खोड़ोंवाला सचिव दलीप सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष 355 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ना खरीद की गई थी। मिल की तरफ से फिलहाल नई खरीद दरें निर्धारित नहीं की गई हैं। गन्ने की खरीद शुरू हो गई है।
डोईवाला चीनी मिल सर्वोत्तम गुणवत्ता की चीनी का उत्पादन करती है। इसकी प्रतिदिन 2500 टन गन्ना पेराई की क्षमता है। वर्ष 2021-2022 में जहां सुगर मिल अपनी क्षमता के 90.28 % पर कार्य कर रही थी वहीं इस बार के अभी तक के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 में वर्तमान में मिल 95.86 % पर कार्य कर रही है। यानि गत पेराई सत्र के मुकाबले 05.58 % अधिक क्षमता से काम कर रही है।