उद्योगों और खेती के विकास के लिए लगातार बिजली मुहैया कराने के लिए योगी आदित्यनाथ-सरकार ने आज पेश नये बजट में इसकी सजग व्यवस्था की है। सूबे की सरकार के पेश बजट में ऊर्जा के क्षेत्र को खास तवज्जो दी गई है। इसमें यूपी को गांवों में भी 18 से 19 घंटा बिजली देने की बात कही गई है।
भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन हेतु 4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास किया जाना नियोजित है।
वर्ष 2016-2017 में उत्पादन निगम लिमिटेड की इकाईयों का कुल विद्युत उत्पादन 33,556 मिलियन यूनिट था जिसके सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 39,746 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन प्राप्त किया गया है।
बजट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट अनुमानों पर वित्त मंत्री ने कहा कि यूपी में लगातार बिजली की व्यवस्था सुधर रही है। जनपद मुख्यालयों में 24 घंटे बिजली की व्यवस्था की जा रही है। गांवों में भी 18 से 19 घंटे बिजी की आपूर्ति की जाएगी।
ग्रीष्मकाल में अनवरत विद्युत आपूर्ति हेतु 2000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है।
-निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति हेतु 1800 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है।
प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निःशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी। इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।
दुग्ध विकास
● दुग्ध संघों के सुदृढ़ीकरण एवं पुनर्जीवित करने की योजना हेतु 106 करोड़ 95 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना हेतु 74 करोड़ 21 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 21 प्रतिशत अधिक है.
● उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को प्रोत्साहन स्वीकृत किये जाने हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● जनपद मथुरा में 30 हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता (विस्तारीकरण 01 लाख लीटर प्रतिदिन) के नवीन डेरी प्लान्ट के निर्माण हेतु 23 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
पशुपालन
● गो संरक्षण एवं निराश्रित/बेसहारा गोवंश की समस्या के निराकरण हेतु प्रदेश के समस्त जनपदों में 303 वृहद गो-संरक्षण केन्द्र संचालित हैं.
● प्रदेश में लगभग 7,239 गोवंश आश्रय स्थल संचालित है। इन आश्रय स्थलों में शहरी तथा ग्रामीण अंचलों में कुल 14 लाख 38 हजार गोवंशीय पशु संरक्षित किये गये हैं.
● पशुरोग नियंत्रण योजना हेतु 195 करोड़ 94 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 68 प्रतिशत अधिक है.
● जनपद गोरखपुर एवं भदोही में पशुचिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना हेतु 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
● जोखिम प्रबंधन एवं पशुधन बीमा योजना हेतु 78 करोड़ 55 लाख रूपये प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग तीन गुना है.
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण
● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2022 के अन्तर्गत पात्र इकाईयों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किये जाने हेतु 300 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में तीन गुनी है.
● उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति, 2017 के अन्तर्गत 50 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।