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सरकारी दावों से भी कमहोती है गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ख़रीद

लोकसभा चुनाव प्रचार और गेहूं की कटाई एक साथ जारी है। नेताओं और किसानों की व्यस्तता के बीच सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी गेहूं खरीद केन्द्रों पर भरपूर गेहूं की आवक होगी। दरअसल, प‍िछले दो साल से सरकार खरीद का जो लक्ष्य रख रही है उतना गेहूं नहीं खरीद पा रही है। क्योंक‍ि खुले बाजार में गेहूं का दाम एमएसपी से ज्यादा रह रहा है। सरकार ने 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रही है, ऐसे में गेहूं की पर्याप्त खरीद जरूरी है।

लेक‍िन ज‍िस तरह का रेट चल रहा है, ऐसे में नहीं लग रहा है क‍ि सरकार इस साल भी बफर स्टॉक के ल‍िए खरीद का लक्ष्य पूरा कर पाएगी। गेहूं का दाम ज्यादा रहने के पीछे कहीं न कहीं जमाखोर ज‍िम्मेदार हैं। इसल‍िए अब सरकार 1 अप्रैल से इसके कारोबार से जुड़े सभी पक्षों से हर हप्ते स्टॉक की जानकारी मांग रही है।

मिली जानकारी अनुसार पिछले कई साल से सरकारी गेहूं खरीद केन्द्रों पर गेहूं कम आने की वजह खेतों में गेहूं की फ़सल तैयार होने से पहले ही फसल की बिक्री होना है। आटा मिलें, बिस्कुट कंपनियां और मैगी व अन्य फास्ट फूड निर्माता, मैदा मिलों के अलावा बड़े गेहूं स्टाकिस्टों की पेशगी देकर फसल खरीदने की वजह से सरकारी गेहूं खरीद केन्द्रों पर कम ही गेहूं पहुंचता है। उत्तर प्रदेश में तो सरकारी खरीद का लक्ष्य ही पूरा नहीं होता है।

बाजार में गेहूं के लगातार बढ़ते दामों को लेकर यह भी चर्चा है कि
गेहूं और आटा की महंगाई को रोकने के ल‍िए केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला ल‍िया है। इसके तहत 1 अप्रैल, 2024 से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी कंपन‍ियों की चेन के खुदरा विक्रेताओं व प्रोसेस‍िंग करने वालों को अपने स्टॉक की स्थ‍िति घोष‍ित करने को कहा है। इस काम को अन‍िवार्य क‍िया गया है। सरकार का मानना है क‍ि इससे गेहूं की जमाखोरी और सट्टेबाजी रोकने में मदद म‍िलेगी।

साल 2024 में गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। हालांकि, इस बीच सरकार ने 2024-2025 रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं खरीद का खरीद लक्ष्य पिछले सीजन में गेहूं खरीद के लक्ष्य को घटा दिया है। सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, साल 2024-25 में रबी मार्केटिंग सीजन के लिए गेहूं खरीद का लक्ष्य तीन से 3.2 करोड़ टन तय किया है। कृषि मंत्रालय ने इस फसल वर्ष 2023-24 (जुलाई-जून) में 11.4-11.5 करोड़ टन के रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की उम्मीद जताई है। इसके बावजूद सरकार द्वारा खरीद का लक्ष्य कम रखा गया है. साल 2022 में सरकार ने 4.4 करोड़ टन और साल 2023 में लगभग साढ़े तीन करोड़ टन खरीद का लक्ष्य तय किया था.

राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय खाद्य सचिव की अध्यक्षता में राज्यों के खाद्य सचिवों की बैठक हुई थी. इसी बैठक में विचार-विमर्श के बाद गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया गया है. मंत्रालय ने बयान में कहा कि आगामी रबी मार्केटिंग सीजन 2024-25 के दौरान गेहूं की खरीद का अनुमान तीन से 3.2 करोड़ टन का तय किया गया है। गेहूं के अलावा, मंत्रालय ने चावल के मामले में रबी धान खरीद का लक्ष्य 90 लाख से एक करोड़ टन तय किया है। सरकार ने रबी मोटे अनाज/बाजरा (श्रीअन्न) के लिए सरकार ने रबी मोटे अनाज/बाजरा (श्रीअन्न) के लिए 6,00,000 टन का खरीद लक्ष्य भी निर्धारित किया है।

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