एक ही शहर लखनऊ में एक ही स्कूल की 21 शाखाएं। विभिन्न कक्षाओं में 61 हजार विद्यार्थी। तीन हजार शिक्षक । दुनिया में प्रसिद्ध तीसरे बड़े शिक्षण संस्थान के संस्थापक डॉ.जगदीश गांधी का आज रात निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।
वर्ष 1959 में बेहद सादगी के साथ जगदीश गांधी का विवाह राज्यपाल श्रीमती सुचेता कृपलानी की उपस्थिति में हुआ। जब वह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष चुने गए तो शपथग्रहण समारोह में जवाहरलाल नेहरू उपस्थित हुए।
स्वर्गीय जगदीश गांधी के सिटी मांटेसरी स्कूल (cms) को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में एक ही शहर में 61 हजार विद्यार्थियों वाली शिक्षण संस्था दर्ज किया। उन्हें देश और विदेश में कई सम्मान मिले।
महात्मा गांधी के उसूलों को आत्मसात कर कम आयु में ही अपना नाम जगदीश प्रसाद अग्रवाल से जगदीश प्रसाद गांधी दर्ज कराने वाले स्वर्गीय गांधी अपने जीवन में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष रहे और बाद में विधानसभा सदस्य भी। शिक्षा के प्रति उनका जुनून प्रेरक रहा। वह कर्म को समर्पित और प्रतिदिन 18 घंटे काम करने वाले थे।
श्री गांधी को सन 2002 यूनेस्को ने विश्व शांति की शिक्षा व प्रसार के लिए 30 हजार डॉलर का पुरस्कार प्रदान किया। विश्व शांति के लिए उन्होंने विभिन्न स्तरों पर आयोजन किए। यूनेस्को का यह पुरस्कार भारत में दो ही लोगों को मिला है। पहले मदर टेरेसा और और सिटी मांटेसरी स्कूल के संस्थापक जगदीश गांधी को।
स्वर्गीय जगदीश गांधी के परिवार में तीन बेटियां और एक बेटा है। उन्होंने बहाईं धर्म स्वीकार किया था।