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बिहार में सूखा प्रभावित दो लाख किसानों को कृषि विभाग की वजह से डीजल अनुदान नहीं

सूखे की मार झेल रहे किसानों पर कृषि विभाग के कारिंदों की कारिस्तानी भारी पड़ रही है। खरीफ फसल की सिंचाई के लिए डीजल अनुदान आवेदन करने वाले आठ लाख 43 हजार किसानों में दो लाख से अधिक किसान इससे वंचित हो गए हैं।
इसमें सर्वाधिक किसान बांका, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण एवं शिवहर जिले के हैं। अधिसंख्य आवेदन रद्द होने का कारण यह है कि डीजल पंप सेट से सिंचाई का फोटो अपलोड नहीं कर पाए।

इसी तरह अगर खेत के पास से कृषि फीडर संबंधित बिजली लाइन गई है तब भी अनुदान से किसानों को वंचित कर दिया गया है। इसके अलावा भी कई अन्य कारण बताए गए हैं। धान की फसल को बचाने के लिए सिंचाई पर राज्य सरकार ने डीजल अनुदान का प्राविधान किया था, लेकिन कृषि समन्वयकों की ओर से अंतिम तिथि तक कुल एक लाख 73 हजार आवेदन रद्द किए गए।

अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने 26934 एवं जिला कृषि पदाधिकारियों ने 2697 किसानों के आवेदन रद्द दिए। शिवहर जिले में आवेदन स्वीकृत कम और रद्द ज्यादा कर दिया गया।कृषि विभाग की ओर से किसानों को अनुदान देने के लिए 75 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से प्रति एकड़ 750 रुपये प्रति एकड़ अनुदान का प्रविधान किया गया था। अनुदान लाभ कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर आनलाइन पंजीकृत किसानों को मिलना था।

सूबे में यह योजना रैयत एवं गैर रैयत (बटाईदार) दोनों तरह के किसान योजना का लाभ प्राप्त कर सकते थे। पंचायत क्षेत्र के किसानों के अलावा नगर निकाय क्षेत्र के किसानों के लिए भी अनुदान देने की घोषणा की गई थी। धान का बिचड़ा और जुट फसल की अधिकतम दो सिंचाई के लिए 15 सौ रुपये प्रति एकड़ देय था, जबकि धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों जैसे दलहन, तेलहन, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की तीन सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ अनुदान देय था। यह प्रति किसान अधिकतम आठ एकड़ सिंचाई के लिए देय था।

बटाईदार किसानों को आवेदन के समय लगान रसीद अपलोड करना था। वहीं, गैर रैयत किसान के लिए संबंधित वार्ड सदस्य, वार्ड पार्षद, मुखिया, सरपंच या पंचायत समिति में से किसी एक सदस्य एवं कृषि समन्वयक पहचान कराने का प्रविधान किया गया था। इसके लिए खेत पर लाभार्थी किसान के साथ जियो टैगिंग फोटो खींचकर अपलोड किया जाता है। डीजल अनुदान के लिए 31 अक्टूबर तक सिंचाई के लिए क्रय किए गए डीजल पर ही अनुदान देय था। इसके लिए निबंधित पेट्रोल पंप से ही डीजल क्रय करने के साथ-साथ क्रय संबंधी डिजिटल वाउचर ही प्राप्त करना था।

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