बिहार के कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने पटना के गांधी मैदान मे आयोजित नुमाइश में कहा : ” वह उम्मीद करते है कि बिहार दिवस के अवसर पर कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रदर्शनी से राज्य के किसान तथा आम जन काफी लाभान्वित होंगे|” उन्होंने राज्य के किसानों से कहा- वह इस पवेलियन से अधिक से अधिक लाभ लें| इस मौके पर कृषि विभाग के सचिव डाॅ एन सरवण कुमार, विशेष सचिव रवीन्द्र नाथ राय एवं कृषि निदेशक सावन कुमार समेत कई अधिकारी व कई जिलों से आए किसान मौजूद रहे|
कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गांधी मैदान, पटना में बिहार दिवस का आयोजन इस वर्ष ‘‘जल-जीवन हरियाली’’ थीम पर किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर कृषि विभाग द्वारा ‘‘जल-जीवन हरियाली’’ अभियान के अंतर्गत 6 मुख्य कार्यक्रम क्रियान्वित किये जा रहे हैं|
इसमें (जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम, फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम, फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित विशेष कृषि यंत्र बैंक, सूक्ष्म सिंचाई योजना, पक्का चैक डैम एवं अन्य जल छाजन कार्यक्रम तथा जैविक कोरिडोर योजना शामिल हैं| उन्होंने कहा कि इन सभी छह महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों से संबंधित किसानों तथा आम जन को कृषि विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी तथा प्रचार-प्रसार प्रदर्शनी के माध्यम से दी जा रही है|
कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष गांधी मैदान में 30 हजार वर्गफीट क्षेत्रफल में कृषि पवेलियन का निर्माण किया गया है| प्रदर्शनी में कृषि के क्षेत्र में हो रही नवीनत्तम तकनीकों की जानकारी बिहार के किसानों तथा आम जन को उपलब्ध कराई जा रही है|
बिहार दिवस के अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि पवेलियन में बिहार के कृषि संस्थान बोरलाॅग इंस्टीट्यूट फाॅर साऊथ एशिया, डाॅ राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर एवं बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर द्वारा विभिन्न फसलों की समय पर बुआई, जलवायु के अनुकूल फसल चक्र का चयन, मिट्टी एवं जलवायु के अनुकूल परिस्थितियों के अनुरूप संभावित फसल विविधीकरण के बारे में किसानों को जागरूक किया जा रहा है|
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में मुख्य रूप से फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित कृषि यंत्रों की उपयोगिता तथा इस पर सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान के विषय की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है| इसी प्रकार, उद्यान निदेशालय द्वारा सूक्ष्म सिंचाई योजना कार्यान्वित की जा रही है, जिसके अंतर्गत किसानों को इस पर 90 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है|
इस सिंचाई पद्धति से किसानों को कम उत्पादन लागत से अधिक आय प्राप्त होगी| उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में सूक्ष्म सिंचाई पद्धति का जीवंत प्रदर्शन किया जा रहा है| भूमि संरक्षण निदेशालय द्वारा जल-छाजन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत जल संचयन संरचनाओं तथा शुष्क बागवानी की महत्ता को जीवंत प्रदर्शित किया जा रहा है|